रूस (russia) और यूक्रेन (ukrain) के बीच तनातनी थम नहीं रही है जिसके चलते अब इन दोनों खतरनाक देशों के बीच युद्ध (war) छिड़ सकता है। यूक्रेन को नाटो का पूरा समर्थन मिल रहा है। यूक्रेन की सीमा के निकट रूस का सैन्य जमावड़ा हो चुका है। रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने अपनी आधी सेना यानी लगभग सवा लाख सैनिकों को यूक्रेन के रूसी समर्थक अलगाववादियों वाले पूर्वी हिस्से में लगा दिया है। इस संबंध में अमेरिकी खुफिया एजेंसिया भी गंभीर चेतावनी दे रही हैं। माना जा रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ता तनाव शीत युद्ध के बाद यूरोप में सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा संकट हो सकता है। दोनों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका है।

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने साफ तौर पर कहा है कि यूक्रेन की सेना इस क्षेत्र में अपनी सैन्यक्षमता में जबरदस्त इजाफा कर रही है। हालांकि, यूक्रेन ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी बयान में कहा है कि यूक्रेन को लेकर रूस एक आक्रामक कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।

भूतकाल में सोवियत संघ का हिस्सा होने की वजह से यूक्रेन के रूस के साथ गहरे सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव को 'रूसी शहरों की मां' भी कहा जाता है। इस शहर का सांस्कृतिक प्रभाव उतना ही है जितना रूस की राजधानी मॉस्को या सेंट पीटर्सबर्ग जैसे शहर का है।

सोवियत संघ के पतन के बाद यूक्रेन के अलग होने को कई रूसी राजनेता इतिहास की एक बड़ी गलती मानते है। यूक्रेन पर स्थायी पकड़ खोने और पश्चिमी देशों के यूक्रेन में दबदबे को कई रूसी राजनेता रूस की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को एक आघात के रूप में देखते हैं। रूस यूक्रेन में रहने वाले 80 लाख रूसी लोगों की रक्षा को लेकर मुखर रहा है, व्यापार की दृष्टि से भी रूस के लिए यूक्रेन महत्वपूर्ण है। रूस किसी भी कीमत पर यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनते हुए देखना नहीं चाहता है। रूस का मानना है कि यूक्रेन अगर नाटो में शामिल होता है तो ये सुरक्षा संगठन रूस पर भी शिकंजा कसने की कोशिश करेगा।

आपको बता दें कि 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को स्वतंत्रता मिली थी। यूक्रेन यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश है। एक तरफ इस देश में बेहद उपजाऊ मैदानी इलाका है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व की तरफ इस देश में कई बड़े उद्योग हैं। यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से का यूरोपीय पड़ोसियों खासकर पोलैंड से गहरा रिश्ता है। यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में राष्ट्रवाद की भावना प्रबल है। हालांकि यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या भी अच्छी खासी है और ये लोग विकसित पूर्वी इलाके में ज्यादा मौजूद हैं।