बीजिंग। अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) ने रूस और बेलारूस (Russia and Belarus) के पैराएथलीटों को तटस्थ प्रतियोगियों के रूप में अनुमति देने के अपने फैसले को पलट दिया है और अब शुक्रवार से शुरू होने वाले बीजिंग 2022 शीतकालीन पैरालंपिक खेलों के लिए दोनों देशों के एथलीटों के भाग लेने पर बैन लगा दिया है। आईपीसी ने यह फैसला आईपीसी गवर्निंग बोर्ड की विशेष रूप से बुलाई गई बैठक के बाद लिया गया है। इस फैसले से 83 पैरा-खिलाडिय़ों पर असर पड़ेगा।

आईपीसी ने यह निर्णय कई राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों (एनपीसी) के रूप में लिया, टीमें और एथलीट यूक्रेन पर देश के हालिया आक्रमण के कारण रूसियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नहीं करने की धमकी दे रहे थे। एथलीटों के गांव में स्थिति बिगडऩे के साथ, एथलीटों की सुरक्षा सुनिश्चित करना असंभव हो गया था। आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने कहा, 'आईपीसी में हम बहुत विश्वास रखते हैं कि खेल और राजनीति का मिश्रण नहीं होना चाहिए। हालांकि, अपनी गलती से, युद्ध अब इन खेलों में आ गया है और कई सरकारें हमारे कार्यक्रमों पर प्रभाव डाल रही है।'

उन्होंने कहा, 'जब हमारे सदस्यों ने दिसंबर 2021 में बोर्ड का चुनाव किया, तो यह पैरालंपिक आंदोलन के सिद्धांतों, मूल्यों और नियमों को बनाए रखने के लिए था।' पार्सन्स ने कहा कि उनका पहले का निर्णय पैरालंपिक सी आंदोलन के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना था। हालांकि, जो स्पष्ट है वह यह है कि तेजी से बढ़ती स्थिति ने अब हमें एक अद्वितीय और असंभव स्थिति में डाल दिया है, जो खेलों की शुरुआत के करीब है।

उन्होंने आगे कहा, 'पिछले 12 घंटों में, बड़ी संख्या में सदस्य हमारे संपर्क में रहे हैं, जिसके लिए मैं आभारी हूं। उन्होंने हमें बताया है कि अगर हम अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते हैं, तो अब बीजिंग 2022 पैरालंपिक शीतकालीन खेलों के लिए गंभीर परिणाम होने की संभावना है। कई एनपीसी, जिनमें से कुछ को उनकी सरकारों, टीमों और एथलीटों ने संपर्क किया है, प्रतिस्पर्धा नहीं करने की धमकी दे रहे हैं।'