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क्रेडिट और डेबिट कार्ड पेमेंट से की जा रही खरीदारी का नियम नए साल पर बदल रहा है। 1 जनवरी 2022 की सुबह से ऑनलाइन शाॅपिंग जब आप करेंगे तब आपको हर बार कार्ड की पूरी जानकारी देनी होगी या फिर आप टोकनाइजेशन का विकल्प चुन सकते हैं। बैंकों ने इस विषय पर अपने ग्राहकों को जानकारी भी देना शुरू कर दिया है।
अभी तक जब आप शाॅपिंग करते हैं तो आपको सिर्फ एक बार कार्ड की जानकारी देनी होती है। उसके बाद सिर्फ CVV नंबर डालना होता है, जिसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है। लेकिन एक जनवरी 2022 से आपको हर बार पूरी जानकारी देनी होगी। यानी जितनी बार आप खरीदारी करेंगे उतनी बार आपको कार्ड डिटेल्स भरनी होगी। इसके टोकनाइजेशन का भी विकल्प रहेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसपर एक गाइडलाइन जारी की है। मार्च 2020 में RBI ने कहा था कि मर्चेंट साइट कार्ड का डाटा अपने पास नहीं रख सकती हैं। सितंबर 2021 में मसले पर RBI ने फिर से गाइडलाइन जारी की गई। जिसमें कहा गया कि ग्राहकों को टोकनाइज का विकल्प दिया जाए। अब यही नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होने जा रहा है।
जब आप कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन करते हैं तब आपको 16 डिजिट का नंबर, कार्ड समाप्ति की तारीख, CVV, ओटीपी को भरना होता है। अगर इसमें से कोई भी जानकारी सही नहीं होती है तो आपका ट्रांजैक्शन पूरा नहीं होगा। टोकनाइजेशन कार्ड से जुड़ी जानकारी का रिप्लेसमेंट है। ऐसी स्थिति में एक कोड एलाॅट होगा जिसे टोकन कहा जाता है। यह टोकन हर एक कार्ड के लिए यूनिक होगा। अब एक बार आपकी सहमति देने पर कार्ड निर्माता एक टोकन जारी करेगा। जिसमें Proxy नंबर होगा। यानी आपके कार्ड की जानकारी की जगह कोई और नंबर होगा। इसके बाद मर्चेंट साइट उस टोकन अपने पास सुरक्षित कर लेगा। जिसके बाद आपको सिर्फ CVV और OTP ही देना होगा।
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