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आम लोगों को महंगाई से राहत मिलने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। आम लोगों को 24 घंटे के भीतर महंगाई ने डबल झटका दे दिया है। खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के बाद अब थोक महंगाई (Wholesale Inflation) भी बढ़ गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम पांच महीने में सबसे अधिक हो गए हैं।
थोक कीमतों पर आधारित WPI Inflation नवंबर में एक साल के उच्चतम स्तर 14.23 फीसदी पर पहुंच गया। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दाम (Food Prices) में आई तेजी है। खबर है कि नवंबर महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम पांच महीने में सबसे अधिक रहे।
पिछले महीने न सिर्फ सब्जियों के भाव (Vegetables Prices) चढ़े रहे, बल्कि अंडे और मांस (Egg & Meat) की कीमतें भी बढ़ गईं। इनके अलावा ईंधन और बिजली के बास्केट (Fuel & Power) ने भी थोक महंगाई को बढ़ाने में योगदान दिया। इनकी कीमतें अक्टूबर के 37.18 फीसद की तुलना में नवंबर में 39.81 फीादी की दर से बढ़ीं। हालांकि विनिर्मित वस्तुओं (Manufactured Goods) के दाम में तेजी कुछ कम हुई और यह अक्टूबर के 12.04 फीसद के मुकाबले 11.92 फीसद रहा।
इससे एक दिन पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खुदरा महंगाई बढ़कर 4.91 फीसदी पर पहुंच गई। इसका भी मुख्य कारण सब्जियों के बढ़े दाम ही रहे। रिजर्व बैंक (RBI) ने इस महीने की शुरुआत में एमपीसी की बैठक के बाद महंगाई को लेकर अनुमान जाहिर किया था। आरबीआई के अनुमान के हिसाब से चौथी तिमाही में महंगाई और बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक को चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
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