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कोरोना वायरस संकट के समय एलौपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ रामदेव की टिप्पणी पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिएसन (एफओआरडीए) इंडिया ने रामदेव से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने या फिर महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है।
इसके साथ ही स्नह्रक्रष्ठ्र ने 1 जून को कोरोना वॉरियर्स और मॉडर्न मेडिसिन को लेकर रामदेव की टिप्पणियों के खिलाफ देशव्यापी काला दिवस प्रदर्शन का ऐलान किया है। हालांकि एफओआरडीए ने स्पष्ट किया है कि 1 जून को मरीजों का इलाज जारी रहेगा और इसमें किसी तरह की बाधा नहीं आएगी।
बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बृहस्पतिवार को रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए एलोपैथी पर उनके भ्रामक एवं गलत बयानी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। आईएमए ने आईपी एस्टेट पुलिस थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का स्थापित और अनुमोदित तरीकों एवं दवाओं से इलाज के बारे में जानबूझकर एवं सोच समझकर झूठी, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलाई ।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें शिकायत मिली है और जांच की जा रही है। आईएमए की नौ मई की शिकायत में कहा गया है, स्वामी रामदेव ने कोविड की स्थिति का लाभ उठाने के लिए अपने गुप्त उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के वास्ते सार्वजनिक मंच पर एलोपैथिक दवाओं और कोविड-19 वायरस के लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अन्य संबद्ध उपचार तकनीकों के संबंध में भ्रामक और गलत बयानी की है।
उसने कहा,'एक वीडियो सामने आया है, जिसे पूरे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है, जिसमें स्वामी रामदेव को कोविड-19 से पीडि़त विभिन्न रोगियों के स्थापित और अनुमोदित उपचार विधियों एवं दवाओं द्वारा उपचार के संबंध में जानबूझकर झूठी, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलाते हुए देखा गया है।
आईएमए ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि टीकाकरण पर कथित गलत जानकारी फैलाने और कोविड-19 के इलाज के लिए सरकारी प्रोटोकॉल को चुनौती देने के लिए रामदेव के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों के तहत तुरंत मामला दर्ज किया जाए।
आधुनिक चिकित्सकों के शीर्ष निकाय आईएमए ने रामदेव को एलोपैथी और एलोपैथी चिकित्सकों के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए मानहानि का नोटिस भी दिया है, जिसमें उनसे 15 दिनों के भीतर माफी मांगने की मांग की गई है। आईएमए ने अपने नोटिस में कहा है कि यदि रामदेव ने ऐसा नहीं किया जो तो वह से 1,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग करेंगे।
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