
आज भी दुनियाभर में मजहब के नाम पर खूब दंगे, फसाद और राजनीति होती है। मजहब के नाम पर लोगों में फूट डालना और विभाजन करने का चलन काफी पुराना है। लेकिन फिर भी भारत में आज भी एकता में अखंडता देखने को मिलती है। तभी तो कहा गया है मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर करना...।
दुनिया में मजहब के नाम पर आजकल खूब नफरत फैलाई जा रही है। लेकिन आज भी दुनिया कई ऐसे लोग हैं जो इन सब से दूर समाज में और देश में प्रेम और सौहार्द फैलाने का काम कर रहे हैं। गंगा जमुना तहजीब को उन्होंने कायम कर रखा है। ऐसे ही एक शख्स हैं असम के मतिबर रहमान।
Assam: A Muslim family looks after a Shiva temple for last 500-year in Rangamahal village, Guwahati. The caretaker Matibar Rehman says,' It's a 500-year-old temple, our family looks after the temple. People from both the religions- Hindu and Muslim- come here to offer prayers.' pic.twitter.com/6HZTGtPhAy
— ANI (@ANI) 2 March 2019
असम के गुवाहाटी स्थित रंगमहल गांव में एक मुस्लिम परिवार एक शिव मंदिर की देखभाल पिछले 500 सालों से कर रहा है।मुस्लिम परिवार के मुखिया मतिबर रहमान ने कहा-यह 500 साल पुराना मंदिर है, हमारा परिवार तब से ही इसकी देखभाल करता आ रहा है। इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग आते हैं और प्रार्थना करते हैं।
बता दें कि यह मंदिर उनके घर के पास ही स्थित है। इस मंदिर की देखभाल का काम उनकी पीढ़ियां करती आ रही हैं और इसी परंपरा को कायम रखा है मतिबर रहमान ने। वे कहते हैं कि उनका खानदान पिछले साल पीढ़ियों से इस मंदिर का देखभाल कर रहे हैं। हर रोज सुबह और शाम की नमाज के बाद मतिबर रहमान इस शिव मंदिर की साफ-सफाई करते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक साथ पूजा प्रार्थना भी करते हैं। पहले मतिबर रहमान के पिता इस मंदिर की देखभाल करते थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद अब वे इस परंपरा को जीवित रखने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी मौत के बाद उनका बेटा भी ये काम करेगा।
बेहद खुशी की बात ये भी है कि गांव के मुसलमान मस्जिद में नमाज पढ़ने के अलावा शिव मंदिर में नियमित रुप से दिया भी जलाते हैं। इंसानियत और प्रेम सद्भाव के इसी जज्बे ने इस गांव को सौहार्द को कायम रखा है।
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