भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक आज को खत्म हो गई। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस वजह से अब लोन की ईएमआई पर और राहत नहीं मिलेगी। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है।

आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक के नतीजों की घोषणा की। गौरतलब है कि  MPC की तीन दिन की बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना का प्रसार बढ़ने के बावजूद इकोनॉमी में सुधार हो रहा है। हालांकि हाल में जिस तरह से मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अन‍िश्चिचतता बढ़ी है। लेकिन भारत चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि फरवरी में खुदरा महंगाई 5 फीसदी की ऊंचाई पर रहने के बावजूद यह रिजर्व बैंक के सुविधाजनक सीमा के दायरे में है। गौरतलब है कि इसके पहले आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को हुई द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था और रेपो रेट 4% पर बरकरार रखा था।

हाल में महंगाई काफी बढ़ गई है। कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता पैदा की है और इससे एक बार फिर इकोनॉमी के लिए जोख‍िम बढ़ा है। इस वजह से लोगों को इस बात का भी इंतजार था कि रिजर्व बैंक जीडीपी के अनुमान में क्या कोई बदलाव करता है? हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अभी रिजर्व बैंक के सुविधाजनक स्तर  4 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) से बहुत ज्यादा बाहर नहीं है। फिर भी जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दर में बदलाव के लिए किसी सही मौके का इंतजार करेगा।