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आरबीआई ने गैर बैंकिंग फाइनेंस यानी NBFC कंपनियों के लिए कठोर नियम जारी किए हैं। इनके लागू होने के बाद NFBC कंपनी की स्थिति कैसी है यह साफ पता चले जाएगा। इन प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन यानी पीसीए नियमों के लागू होने के बाद NBFC कंपनी को 3 अलग अलग पैरामीटर पर परखा जाएगा।
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इस नियम के अनुसार अब पहले पैरामीटर पर असफल होने के बाद रिजर्व बैंक की तरफ से NBFC के डिविडेंट डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक लगाई जा सकती है। इतना ही नहीं, प्रोमोटर्स को पैसा डालने के लिए भी आरबीआई की तरफ से कहा जा सकता है। वहीं, दूसरे पैरामीटर पर असफल होने पर आरबीआई कंपनी को नई ब्रांच खोलने पर रोक लग सकती है और साथ में कारोबार विस्तार पर भी रोक लगा सकती है। वहीं, तीसरे पैरामीटर पर असफल होने के बाद रिजर्व बैंक NBFC कंपनी की सेहत ठीक होने तक कारोबार पर रोक लगा सकता है।
ये नए नियम लागू होने के बाद रिजर्व बैंक NBFC कंपनी को पीसीए की श्रेणी से तभी बाहर करेगा जब उसे लगेगा कि कारोबार करने के लिए कंपनी सही है। ये नए और सख्त नियम इस साल अक्टूबर से लागू हो होंगे। एक्स्पर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक के इस कदम से NGFC सेक्टर की स्थिति सुधरेगी।
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एक्स्पर्ट्स का यह भी मानना है कि ये नियम सेक्टर के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। दरअसल पिछले 3 साल में 4 बड़ी NBFC कंपनियों में बहुत सारी गड़बाड़ियां सामने आईं हैं। इस नियम के लागू होने के बाद इस सेक्टर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। आरबीआई भी इन नियमों को इसी उम्मीद के साथ जारी कर दिए हैं।
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