भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) प्रसन्न हैं कि कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) के विदेश में भारत के प्रमुख स्पिनर बनने के उनके बयान ने रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले टेस्ट मैच के दौरान अश्विन चोटिल हो गए थे। इसके बाद उनकी गैरमौजूदगी में रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और कुलदीप यादव ने स्पिन गेंदबाजी का भार संभाला। 

सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच में कुलदीप (Kuldeep Yadav) ने 99 रन देकर पांच विकेट झटके और सभी को प्रभावित किया। हाल ही में एक चर्चा के दौरान अश्विन  (Ravichandran Ashwin) ने कहा था कि शास्त्री के बयान के बाद वह टूट चुके थे। वहीं शास्त्री ने अश्विन की बात का जवाब दिया। शास्त्री ने कहा, कोच के रूप में मेरा काम हर किसी को मक्खन लगाने का नहीं है। मेरा काम लोगों को सच कहने का है। अश्विन सिडनी में वह मैच नहीं खेले थे, जहां कुलदीप (Kuldeep Yadav) ने बढ़िया गेंदबाजी की और पारी में पांच विकेट निकाले। इसलिए यह उचित था कि मैं उस युवा खिलाड़ी को, जो विदेश में संभवत: अपना पहला या दूसरा टेस्ट मैच खेल रहा था, प्रोत्साहन दूं। इसलिए मैंने कहा कि यहां उसने जिस तरह से गेंदबाजी की है, पूरी संभावना है कि वह विदेश में भारत का नंबर एक स्पिन गेंदबाज बन सकता है। 

शास्त्री ने आगे कहा, अब अगर मेरी उस बात से किसी खिलाड़ी को बुरा लगा, तो अच्छी बात है। आज मुझे खुशी है कि मैंने उस समय वह बयान दिया था। अब अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अपनी बात कही क्योंकि उन्हें बुरा लगा था और जिस अंदाज से उन्होंने खुद को संभाला और काम किया, उससे मैं बहुत खुश हूं। मैं उस प्रकार का कोच हूं जो चाहता हैं कि खिलाड़ी उस सोच के साथ मैदान में उतरे कि मैं इस कोच को सबक सिखाऊंगा और दिखाऊंगा कि मैं क्या चीज हूं। वह आगे कहते हैं, अगर उन्हें बुरा लगा तो मैं बहुत प्रसन्न हूं। उसने उन्हें कुछ और करने पर मजबूर किया। मुझे खुशी हैं क्योंकि जिस अंदाज से वह 2019 में गेंदबाजी कर रहे थे और जिस प्रकार उन्होंने 2021 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गेंदबाजी की, उसमें जमीन-आसमान का अंतर था।  

हालांकि अश्विन (Ravichandran Ashwin) को उस सीरीज के बाद कुलदीप (Kuldeep Yadav) को मिल रही वाह-वाही से कोई परेशानी नहीं थी। उन्हें तकलीफ इस बात से थी कि उनके प्रदर्शन का इस्तेमाल करके यह कहा जा रहा था कि अश्विन का समय अब समाप्त हो चुका है। साथ ही अश्विन से पूछा गया कि शायद यह सब उन्हें प्रेरित करने का एक तरीका हो सकता है, उन्होंने कहा, प्रेरणा उन्हें दी जानी चाहिए जिन्हें इसकी जरूरत है। लेकिन जब कोई अपने जीवन के कठिन दौर में हो और उसे सहारे की जरूरत हो... वह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। ऑस्ट्रेलिया में वह लगातार दूसरा दौरा था जब अश्विन चोट के कारण बाहर हो गए थे। उन्होंने खुलासा किया कि 2018 और 2020 के बीच कई चोटों से जूझने के बाद उन्होंने कई बार संन्यास लेने का विचार भी किया। हालांकि अब चीजें बदल चुकी है। अब अश्विन अपनी शक्तियों के चरम पर हैं और उन्होंने घर पर और विदेश में बढ़िया गेंदबाजी की हैं। उनके नाम कुल 427 टेस्ट विकेट हैं और वह कपिल देव को पीछे छोड़ने से केवल आठ विकेट दूर हैं। 

शास्त्री का मानना है कि अश्विन (Ravichandran Ashwin) की वापसी में उनकी बेहतर फिटनेस का अहम योगदान रहा है। शास्त्री के अनुसार, यह अश्विन के लिए स्पष्ट संदेश था कि आपको फिट रहना होगा। हमें ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो पूरी सीरीज खेल सकें। 2018 के बाद 2019 में भी वह चोटिल थे। तो अगले दो वर्षों में उन्होंने क्या किया? मुझे लगता है कि उसने अपने खेल पर बाकी सब से अधिक मेहनत की है और वह विश्व-स्तरीय है। उन्होंने  (Ravi Shastri) आगे कहा, मैं आपको बता दूं कि वह अब दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं। जिस तरह से उसने अपनी फिटनेस पर काम किया है और अभी जिस तरह से वह गेंदबाजी कर रहा है, उसके पास साउथ  अफ्रीका में भारत का प्रमुख स्पिनर बनने और टीम को सीरीज जिताने का सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा, अच्छी बातचीत से कप्तानी के बदलाव को और बेहतर ढंग से संभाला जा सकता था।