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चेन्नई हवाईअड्डे (Chennai Airport) पर अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अनिवार्य रैपिड पीसीआर परीक्षण (RT PCR) और उच्च शुल्क वसूलने के कारण कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के मुताबिक, भारत सरकार की कंपनी, ‘हिंडलैब्स’ जो एक ‘मिनी रत्न’ कंपनी है, प्रति यात्री 3,400 रुपये चार्ज कर रही है और रिपोर्ट देने में लंबा समय ले रही है।
चेन्नई के एक ट्रैवल एजेंट और दुबई के लिए लगातार उड़ान भरने वाले सुरजीत शिवानंदन ने बताया, मेरे जैसे लोगों के लिए जो काम के उद्देश्य से दुबई की यात्रा करते हैं, यह इतना मुश्किल नहीं है और वो खर्च कर सकते हैं, लेकिन मैंने कई सामान्य मजदूरों को देखा है जो पैसे की व्यवस्था के लिए जद्दोजहद करते हैं। इसके अलावा अधिकांश यात्रियों को रैपिड पीसीआर परीक्षण (Rapid PCR test) के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उन्हें हवाई अड्डे पर पहुंचने पर परीक्षण के बारे में सूचित किया जाता है।
थूथुकुडी के रहने वाले और पहली बार दुबई की यात्रा करने वाले एक निर्माण श्रमिक शाहजहां ने कहा कि चेन्नई हवाई अड्डे पर यह एक बुरा सपना था। शाहजहां ने कहा, यह मेरे लिए एक दुखद दिन था। मेरे पास जॉब वीजा, हवाई अड्डे की यात्रा और अन्य आकस्मिक खर्चों की व्यवस्था के लिए मेरे पास लगभग सभी पैसे खर्च किए गए थे। हवाई अड्डे पर पहुंचने पर ही मुझे पता चला कि रैपिड पीसीआर परीक्षण (Rapid PCR test) करना है और मेरे पास परीक्षण के लिए पैसे नहीं थे। सौभाग्य से मैं प्रस्थान से सात घंटे पहले पहुंच गया था और अपने गृह नगर से पैसे की व्यवस्था करने में सफल रहा।
सरकार द्वारा नियंत्रित कंपनी द्वारा वसूले जाने वाले उच्च दरों ने यात्रियों को परेशान किया है। साउथ इंडियन ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन (South Indian Travel Agents Association) के महासचिव, वेणुगोपाल कृष्ण ने बताया, तमिलनाडु सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और दरों को कम करने की जरूरत है। इसके अलावा, यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को एक उचित जागरूकता दी जानी चाहिए।
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