कांग्रेस महासचिव व मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आज आरोप लगाया कि कोविड महामारी के समय हरियाणा में हालत बहुत बुरी है और नारा चल रहा है, जीवन रक्षक दवाएं गुल, शराब की सप्लाई फुल। 

सुरजेवाला यहां पार्टी के ‘सेवा और समर्पण‘ अभियान के तहत आये थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के समय प्रदेश में भाजपा-जजपा सरकार और देश में नरेंद्र मोदी सरकार के हुक्मरान अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़वा तथा पीठ दिखा भाग खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कभी स्वयं मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर बड़बोले बयान देकर यह कहते हैं कि कोरोना की बदइंतजामी के खिलाफ शोर मचाने से न कोई जिंदा हो पाएगा और न ही कोरोना खत्म हो पाएगा और कभी कोरोना की मार से जूझ रहे मरीज और उनके परिवार के लोग घंटों तक वीआईपी दौरे के कारण तड़पते रहते हैं, जैसा कि हाल में ही जींद ने मुख्यमंत्री जी के दौरे में देखा। 

उपमुख्यमंत्री, दुष्यंत चौटाला का तो अता-पता ही नहीं। यही हाल भाजपा-जजपा के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों का भी है। उन्होंने हरियाणा प्रदेश में कोरोना महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सच्चाई यह है कि न तो कोरोना संक्रमण के आंकड़े और न ही कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े सही हैं। असलियत इससे कहीं भयावह है। उन्होंने गांवों में कोरोना फैलने और टेस्टिंग, दवाओं, इलाज के अभाव पर चिंता जताई। सुरजेवाला ने प्रदेश में ऑक्सीजन के संकट पर भी चिंता जताई और कहा कि ऑक्सीजन का संकट नहीं, इमरजेंसी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 85,000 सक्रिय मरीजों पर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है, पर हरियाणा को 100,000 सक्रिय कोरोना मरीजों पर मात्र 282 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है। ऐसा क्यों? असलियत में हरियाणा को ऑक्सीजन की उपलब्धता 225 मीट्रिक टन प्रतिदिन से अधिक नहीं। सुरजेवाला ने 12 जिलों को मात्र आधा मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने पर सवाल उठाया कि यह भेदभाव क्यों? उन्होंने आरोप लगाया कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हरियाणा के 85 शहरों व कस्बों में से अधिकतर मध्यम स्तर व छोटे कस्बों में गैर कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी है। तो फिर ऐसे में इमरजेंसी डिलीवरी, एक्सीडेंट केस, कैंसर मरीज, लिवर मरीज, किडनी मरीज, अन्य बीमारियों के मरीज इलाज के लिए कहां जाएंगे? कांग्रेस मीडिया प्रभारी ने यह भी आरोप लगाया कि खट्टर सरकार ने प्राईवेट अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाने का अधिकार भी अपने पास रख लिया है। नतीजा यह है कि मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं व प्राईवेट अस्पताल कोविड अस्पताल न होने की दुहाई दे मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पताल बनाने में भी भ्रष्टाचार के इल्जाम सामने आए हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना निरोधक टीके को लेकर भी जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु के 37 लाख लोगों को ही पहला टीका लगा, जबकि दूसरा टीका मात्र 8 लाख लोगों को ही मिला है। सुरजेवाला ने कहा कि 45 से अधिक आयु के लोगों के लिए भी टीका उपलब्ध नहीं, तो 45 से कम आयु के लोगों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश भर में जीवनरक्षक दवाईयों की काला बाजारी खुले आम हो रही है। जबकि शराब माफिया का खुला खेल चल रहा है और नारे जैसा बन गया है, ‘‘शराब की सप्लाई फुल, जीवन रक्षक दवाइयां गुल।