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नई दिल्ली। रामचरितमानस को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने को लेकर तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने बड़ा ऐलान किया है. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने हनुमान चालीसा में कुछ बदलाव करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि हम हनुमान चालीसा का गलत पाठ कर रहे हैं. क्योंकि इसकी कुछ चौपाइयों में गलतियां हैं. हनुमान चालीसा की गलतियों को ठीक करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पब्लिशिंग की गलती की वजह से लोग गलत शब्द पढ़ रहे हैं. आपको बता दें कि रामभद्राचार्य 3 अप्रैल से आगरा में कथावाचन का कार्य कर रहे हैं. हनुमान चालीसा में उन्होंने इस दौरान उन्होंने चार अशुद्धियां बताई हैं जो इस प्रकार हैं-
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1. रामभद्रचार्य ने कहा कि हनुमान चालीसा की एक चौपाई है-शंकर सुमन केसरी नंदन है. इसका मतलब हनुमानजी को शंकर का पुत्र बोला जा रहा है, जो गलत है. शंकर स्वयं हनुमान हैं, इसलिए शंकर स्वयं केसरी नंदन लिखा जाना चाहिए.
2. इसके अलावा दूसरी गलती उन्हेांने हनुमान चालीसा की 27वीं चौपाई में बताई है जिसमें सब पर राम तपस्वी राजा, जो गलत है. उन्होंने बताया कि तपस्वी राजा नहीं है... सही शब्द सब पर राम राज फिर ताजा है.
3. इसी तरह हनुमान चालीसा की 32वीं चौपाई में गलती है जैसे राम रसायन तुम्हारे पास आ सदा रहो रघुवर के दासा... यह नहीं होना चाहिए. जबकि - सादर रहो रघुपति के दासा होना चाहिए.
4. हनुमान चालीसा की 38वीं चौपाई में भी उन्होंने गलती बताई है जो इस प्रकार है- जो सत बार पाठ कर कोई... जबकि - यह सत बार पाठ कर जोही.. होना चाहिए.
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रामचरितमानस को बनाया जाए भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ
आपको बता दें कि रामभद्राचार्य वही संत हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के हवाले से गवाही दी थी. अब उन्होंने यह भी कहा कि रामभद्राचार्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ही जीतेगी और मोदी सरकार रिपीट होगी. इसके बाद सभी संत मिलकर रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराएंगे.
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