समाजवादी पार्टी  नेता स्वामी प्रसाद मौर्य  के बयान पर बवाल अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन अब सपा सांसद राम गोपाल यादव  के बयान ने नया बवाल हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राम गोपाल यादव ने ये बयान दिया है. 

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जवाब देते हुए सपा सांसद ने कहा, "पार्टी में हर तरह के लोग होते हैं. सभी को साथ लेकर चलना पड़ता है. मैं चहता हूं कि रामचरितमानस पर विवाद होना ही नहीं चाहिए. हर ग्रंथ में कुछ बहुत अच्छी बातें होती हैं. एक-दो बात ऐसी भी होती है जिससे सहमत नहीं हो सकते. जिसपर वो सहमत नहीं हैं उसपर चर्चा नहीं करें और जो अच्छा है उसको लेकर चलें."

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इससे पहले राम गोपाल यादव ने सीएम योगी के 'हिंदू राष्ट्र' वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "जब लोगों के पास कुछ करने को नहीं रहता है, जब वे निराश होने लगते हैं और जनता उदास होने लगती है तो इसी तरह के भ्रम जाल में फैसलाना चाहते हैं. हिंदू देश में हमेशा से थे और भी धर्मों के लोग थे. वे भी रहेंगे और हिंदू भी रहेंगे. हिंदू धर्म इतना सहिष्णु है कि छोटे मन वाले लोगों को इत तरह की बात नहीं करनी चाहिए."

अब स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद रामगोपाल यादव के बयान पर सियासत गर्म होने लगी है. अब एक बार फिर से विरोधी पार्टियों के ओर से जुबानी जंग तेज हो सकती है. जबकि इससे पहले गुरुवार को सपा ने एक पत्र जारी कर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सांप्रदायिक मुद्दों पर बयानबाजी नहीं करने के लिए कहा था. 

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वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बयानबाजी कर रहे पार्टी के दो नेताओं रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को निकल दिया गया था. ऐसे में अब अखिलेश यादव के लिए पार्टी में नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगाना एक चुनौती बनती जा रही है.