नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर महिला पत्रकार ने बड़ा आरोप लगाया है। राकेश टिकैत ने एक महिला पत्रकार पर अपना आपा खो दिया, जिसने सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचाया।

किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने न केवल महिला का अपमान किया रिपब्लिक टीवी की पत्रकार लेकिन उन पर गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया। राकेश टिकैत ने मांग की कि केंद्र देश में किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए एक कानून लाये।

राकेश टिकैत जब मीडिया से बात कर रहे थे, उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी 50-55,000 मामले वापस लेने को कहा। सरकार को एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) बनाना चाहिए। जिसके बाद आंदोलन को समाप्त करने पर विचार किया जाएगा।

इसी बीच न्यूज चैनल की एक महिला पत्रकार ने उनसे एक सवाल पूछा, लेकिन राकेश टिकैत ने उनके सवालों का जवाब देने से साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद मौजूद लोगों ने राकेश टिकैत जिंदाबाद के नारे लगाए। हंगामे के बीच भी जब महिला पत्रकार उनसे सवाल करती रही तो राकेश टिकैत ने महिला पत्रकार पर चिल्लाते हुए कहा, ''कोई इसका वीडियो बना लो, वह मेरी बेइज्जती कर रही है।''

पुलिस को बुलाओ, यह लड़की असभ्य है, छूती है और मुझे छू रही है। महिला पत्रकार पर चिल्लाते हुए राकेश टिकैत ने उन्हें किसानों और भारत को बदनाम करने वाला बताया। वीडियो में महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि किसान नेता केवल मीडिया संस्थानों से बात करते हैं जो उनकी पसंद के सवाल पूछते हैं और केवल अपनी बात जनता के सामने रखते हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और नेटिज़न्स ने राकेश राकेश टिकैत को उनके गैर-पेशेवर व्यवहार के लिए नारा दिया है।

टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एमएसपी के समर्थक थे, जब वह गुजरात मुख्यमंत्री थे और वह किसानों के हितों की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कानून चाहते थे। उन्होंने मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक कानून लाना चाहिए। कृषि और श्रम क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है और हम उन्हें उजागर करने के लिए पूरे देश में यात्रा करेंगे।’’

टिकैत ने यह भी मांग की कि केंद्र के तीन कृषि विपणन कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जाए। इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले की घोषणा की थी, जो किसानों के विरोध के केंद्र में थे।

कई किसान तीन कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020- के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर 2020 से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की थी। उसका कहना था कि कानून किसानों के हित में हैं, जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा था कि कानूनों के कारण उन्हें कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।