
एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत को पहला फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल मिल ही गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा करने के साथ ही दसॉल्ट कंपनी से पहले राफेल विमान को रिसीव किया। हालांकि, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने में राफेल विमान को अभी लंबा वक्त लगेगा, क्योंकि अभी तो भारतीय वायुसेना के जवानों की ट्रेनिंग शुरू होगी।
भारत फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है, मंगलवार को इसी किस्त का पहला विमान राजनाथ ने रिसीव किया। हालांकि, ये सिर्फ आधिकारिक हैंडओवर है अभी ये विमान फ्रांस में ही रहेगा, जहां वायुसेना के जवान इसकी ऑपरेशनल ट्रेनिंग लेंगे।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना को जो 36 विमान मिलने हैं, उनके भारत पहुंचने की डेडलाइन सितंबर, 2022 है। भारत-फ्रांस के बीच हुई इस डील की कीमत करीब 59 हजार करोड़ रुपये की थी।
बताया जा रहा है कि जो 36 विमान भारत को मिलने हैं, उनमें से 18 अंबाला एयरबेस और 18 अरुणाचल प्रदेश के आसपास तैनात होंगे। यानी भारत पाकिस्तान और चीन से मिलने वाली चुनौती के लिए हर तरह से तैयार है।
राफेल विमाम 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है जो भारतीय वायुसेना में एक तरह से जेनरेशन का बदलाव होगा। इस विमान में 24500 Kg। भार ढोने की क्षमता है, साथ ही विमान के जरिए एक साथ 125 राउंड गोलियां निकलती हैं जो किसी को भी चीर कर रख सकती हैं। इस विमान में भारत के लिए स्पेशली दो तरह की मिसाइल लगाई गई हैं, जो हर खतरे को खत्म करने के लिए तैयार हैं।
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