भारत और रूस ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग और भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए सोमवार को चार समझौतों, अनुबंधों और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सेना के लिए छह लाख ए के -203 असाल्ट राइफल (AK-203 assault rifle) खरीदने का सौदा भी शामिल है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और रूस के रक्षा मंत्री (Defense Minister of Russia) सर्गेई शोएगु की सह अध्यक्षता में यहां सुषमा स्वराज भवन में सैन्य तथा सैन्य तकनीकी आयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की 20 वीं बैठक के दौरान इन समझौतों और अनुबंधों तथा प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये गये। 

दोनों के बीच यह बैठक भारत और रूस के रक्षा और विदेश मंत्रियों की पहली टू प्लस टू वार्ता (two plus two talks) से पहले हुई। दोनों देशों की मंत्री स्तरीय टू प्लस टू वार्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) और रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच वार्षिक शिखर वार्ता से पहले हुई। दोनों पक्षों ने बैठक के बाद कलाशनिकोव श्रंखला के छोटे हथियारों से संबंधित समझौते में संशोधन करने वाले प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता 18 फरवरी 2019 में किया गया था। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत दोनों पक्षों ने दोनों देशों के विशेष उपक्रम इंडो -रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड से छह लाख एक हजार 427 ए के -203 राइफलों की खरीद के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये। 

ये राइफलें रूसी सहयोग से अमेठी में कोरवा में बनायी जायेगी। ए के-203 असाल्ट राइफल (AK-203 assault rifle) 300 मीटर की दूरी तक प्रभावशाली ढंग से मार करती हैं और यह हल्की, मजबूत तथा इस्तेमाल करने में आसान है । इससे आतंकवाद रोधी अभियानों में सेना की क्षमता भी बढ़ेगी। बैठक में सैन्य तकनीकी सहयोग से संबंधित वर्ष 2021 से 2031 तक के कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किये गये। इन तीनों पर दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किये जबकि सैन्य तथा सैन्य तकनीकी आयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के बारे में प्रोटोकॉल पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने हस्ताक्षर किये। सिंह ने बैठक में अपनी आरंभिक टिप्पणी करते हुए रूस को भारत का दीर्घकालिक विशेष और सामरिक साझीदार करार दिया तथा कहा कि दोनों के संबंध समय की कसौटी पर परखे हुए हैं और ये बहुपक्षीय, वैश्विक शांति, समृद्धि , परस्पर समझ तथा साझा हितों पर आधारित हैं। 

रक्षा मंत्री ने भारत को रूस के समर्थन के लिए उसकी सराहना की और जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच सहयोग से समूचे क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आयेगी। रक्षा सहयोग को द्विपक्षीय साझेदारी का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि सैन्य तथा सैन्य तकनीकी आयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग दोनों देशों के बीच पिछले दो दशकों से स्थापित तंत्र है। बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat), सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) , नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार , वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी , रक्षा सचिव अजय कुमार, डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी , वरिष्ठ सैन्य तथा असैन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।