/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/08/13/dailynews-1628865137.jpg)
दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से हावड़ा के बीच ट्रेनों को रफ़्तार देने की पूरी योजना तैयार हो चुकी है। रेलवे लंबे समय से इसके लिए प्लान कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंज़ूरी भी 2 साल पहले ही मिल चुकी है। लेकिन इसपर ज़मीनी स्तर पर काम अब शुरू होने जा रहा है।
रेलवे ने इसके लिए हर छोटे-बड़े काम और उनकी समय सीमा तय कर ली है। इन दोनों ही रूट पर रेलवे ट्रेनों की रफ़्तार को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे करने जा रहा है। इसका मक़सद दोनों की सफर को 12 घंटे में पूरा करना है।
इसके लिए दिल्ली- मुंबई रूट पर सबसे ज़रूरी है काम है क़रीब 1380 किलोमीटर के ट्रैक के दोनों तरफ फैंसिंग करना। हावड़ा के लिए सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए ग्रांट कोड रूट यानि गया, गोमो, डेहरी ऑन सोन वाले रूट को चुनाव किया गया है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर क़रीब 1490 किलोमीटर लंबे ट्रैक के दोनों ओर फैंसिंग की जाएगी। यानि तेज़ गति से चल रही ट्रेन के ट्रैक पर हर किसी की इंट्री रोकना। इसके अलावा रूट पर मौजूद लेवल क्रासिंग को ख़त्म किया जाएगा. ट्रेनों को रफ़्तार देने के लिए पूरे रूट पर हैवी पटरी लगाई जाएगी।
इसके साथ ही ट्रेन उपर बिजली के तारों यानि OHE को भी बदला जाएगा। तेज़ रफ़्तार ट्रेनों की सुरक्षा के लिए TPWS यानि ट्रेन प्रोटेस्शन वॉर्निंग सिस्टम लगाया जाएगा। ट्रैक की जांच और महम्मत के लिए आधुनिक ऑटोमेटिक मशीनों और कैमरों का इस्तेमाल इस्तेमाल किया जाएगा। सिग्लनिंग और टेलिकॉम के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल भी पहली बार भारतीय रेल किया जाएगा।
रेलवे ने इस दोनों रूट पर सिविट वर्क के लिए क़रीब 5500 करोड़, इलेक्ट्रिकल वर्क के लिए 5300 करोड़, सिग्नलिंग और टेलिकॉम से जुड़े काम के लिए क़रीब 2000, मेकेनिकल वर्क के लिए क़रीब 625 करोड़ रुपये ख़र्च का अनुमान लगाया है। उम्मीद की जा रही है कि रेलवे के इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अब तेज़ी से काम शुरू किया जाएगा और इसे साल 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |