कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार में जीडीपी बढऩे का मतलब है गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों का बढऩा।  कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, मोदी जी कहते हैं जीडीपी बढ़ रही है।  वित्त मंत्री कहती हैं जीडीपी का प्रोजेक्शन ऊपर की ओर है।  जीडीपी का मतलब क्या? गैस, डीजल और पेट्रोल- जिसकी कीमत लगातार बढ़ रही है। 

बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। 

राहुल गांधी ने कहा, 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं।  2014 में 410 रुपये सिलेंडर की कीमत थी. आज 885 रुपये सिलेंडर की कीमत है. यानि गैस की कीमतों में 116 फीसदी इजाफा हुआ है। 

 पेट्रोल 71.5 रुपये प्रति लीटर था और आज 101 रुपये है. 42 फीसदी इजाफा हुआ है।  57 रुपये प्रति लीटर डीजल था और 88 रुपये आज है। 55 फीसदी इजाफा हुआ है।  उन्होंने कहा कि हमारे समय में मौजूदा वक्त से कच्चे तेल की कीमत 32 प्रतिशत ज्यादा और गैस 26 प्रतिशत ज्यादा थी। 

राहुल गांधी ने कहा कि जब डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं तो इससे लोगों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. उन्हें अधिक कीमत चुकानी होती है. यही नहीं ट्रांसपोर्ट की कीमत भी बढ़ जाती है।  इससे सबकुछ महंगा होता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते सात सालों में गैस, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाकर 23 लाख करोड़ रुपये अर्जित किए हैं। 

उन्होंने नोटबंदी और राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, पिछले 7 साल से हमने एक नया आर्थिक पैराडाइन देखा है।  प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं डी-मोनेटाइजेशन कर रहा हूं और वित्त मंत्री जी कहती हैं कि मैं मोनेटाइजेशन कर रही हूं।  जनता जानना चाहती है कि किसका डी-मोनेटाइजेशन और मोनेटाइजेशन हो रहा है?

कांग्रेस नेता ने कहा, डी-मोनेटाइजेशन किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, एमएसएमई, सैलरी क्लास और इमानदार उद्योगपतियों का हो रहा है।  मोनेटाइजेशन किसका हो रहा है? चार पांच मोदी जी के जो मित्र हैं उनका हो रहा है. इकॉनोमी ट्रांसफर हो रहा है।