कांग्रेस नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोक सभा में संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया। उन्होंने लोक सभा स्पीकर की अनुमति के बिना कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई किसानों की मौत के लिए 2 मिनट का मौन रखवाया। राहुल गांधी द्वारा मर्यादा तोड़ने के बाद स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी मेरी है और अनुमति के बिना ऐसा नहीं होना चाहिए। ओम बिरला ने कहा कि यह नियमों को उल्लंघन है। अगर राहुल गांधी मौन रखवाना चाहते थे तो पहले उनको अनुमति लेनी चाहिए थी।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'मैं बजट पर टिप्पणी नहीं करूंगा और प्रदर्शन के तौर पर बजट पर नहीं बोलूंगा। मैं आज सिर्फ किसान के मुद्दे पर बोलूंगा, जो किसान शहीद हुए हैं उन लोगों को सदन में श्रद्धांजलि नहीं दी गई है। मैं भाषण के बाद दो मिनट के लिए किसानों के लिए मौन रहूंगा। आप मेरे साथ खड़े हो जाइए।' इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने मौन धारण किया। राहुल गांधी द्वारा मर्यादा तोड़ने के बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी आप लोगों ने मुझे सौंपी है। इसलिए मुझे तय करने दीजिए। इसके बाद राहुल गांधी ने लोक सभा से वॉकआउट किया।

इससे पहले राहुल गांधी ने कृषि कानूनों पर पीएम मोदी के कंटेंट और इंटेट वाले बयान को उठाया। राहुल ने कहा कि पहले कंटेंट और इंटेंट पर बात कर लेते हैं। पहले कानून का कंटेंट है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, फल और सब्जी खरीद सकता है। अगर ऐसा होगा तो मंडी में कौन जाएगा। पहले कानून का लक्ष्य मंडी को खत्म करना है।' इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, 'दूसरे कानून का कंटेंट आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म कर जमाखोरी को बढ़ावा देना है। जबकि तीसरे कानून का कंटेंट किसानों को सही कीमत के मुद्दे पर अदालत जाने का अधिकार नहीं दिया गया है।'