बॉलीवुड के साथ ही हॉलीवुड में भी अपना जलवा दिखाने वाली प्रियंका चोपड़ा इन दिनों अपनी किताब ‘अनफिनिश्ड ’ को लेकर चर्चा में हैं। इस किताब में प्रियंका ने अपने जीवन से जुड़े कई अहम पहलुओं को दिल खोलकर रखा है। किताब में प्रियंका ने बताया कि 2000 में मिस वल्र्ड बनने के बाद एक फिल्ममेकर ने उन्हें एक्टर बनने के लिए अपना साइज सही कराने की सलाह दी थी। उन्होंने लिखा, उसने मुझे घूमने के लिए कहा और फिर बूब जॉब कराने, जबड़ा सही कराने को कहा।

किताब में प्रियंका ने अपने बचपने का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, स्कूली दिनों में मौसी के साथ अमरीका में रहने का अनुभव अनोखा था। स्कूल में बॉब नामक लडक़े से प्यार हो गया था। एक दिन बॉब और मैं घर में थे और अचानक मौसी आ गई। मैंने बॉब को अलमारी में छिपा दिया। शक होने पर मौसी ने अलमारी खुलवाई तो बॉब निकला।

किताब में प्रियंका ने अपनी नाक भी खराब सर्जरी का भी जिक्र किया है। प्रियंका ने लिखा कि 2001 में नाक में मौजूद एक पॉलिप यानी टिश्यू के असामान्य बढऩे की शिकायत हुई। इसको हटाने के लिए मैंने सर्जरी करवाई, लेकिन यह ऑपरेशन खराब हो गया। डॉक्टर ने गलती से मेरी नाक का ब्रिज छील दिया था। सर्जरी के बाद मेरा चेहरा बिलकुल बदल गया। जब भी मैं अपनी शक्ल आईने में देखती थी तो एक अजनबी जैसा लगता था। लोग मुझे प्लास्टिक चोपड़ा कहते थे। मुझे दो फिल्मों से निकाल दिया गया था और मेरा करियर अधर में लटक गया था। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी, मैंने विश्वास किया कि अब यही मेरा चेहरा है और मुझे इसी के साथ अपने करियर में आगे बढऩा है।

प्रियंका का कहना है कि वह बचपन से ही अपने सांवले रंग को लेकर परेशान रहीं। जब किशोर हुईं तो वे हमेशा त्वचा का रंग गोरा करने की कोशिश में रहतीं। 17 साल की उम्र में भाई के कहने पर उन्होंने सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। फिर साल 2000 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और ताज अपने नाम किया। इसी साल उनके सिर पर मिस वल्र्ड का ताज भी सजा। लेकिन उन्हें तब भी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर उन्होंने यह प्रतियोगिता जीती है। किताब में प्रियंका ने लिखा है कि उन्हें हमेशा इस बात का अफसोस रहेगा कि उन्होंने फेयरनेस प्रोडक्ट का विज्ञापन किया। यह मेरी भूल थी, जिसे मैंने सुधारा और फिर कभी भी ऐसे विज्ञापन नहीं किए। मैं अपनी इस भूल के लिए ईमानदारी से माफी मांगती हूं। आज मुझे अपने आप पर और अपने रंग पर गर्व है।