अफानिस्तान को लेकर दुनिया के कई देश बहुत ही दुखी है। तालिबान ने सरकार का

ऐलान कर दिया है लेकिन अभी तक दुनिया ने इसे मान्यता नहीं दी है। तालिबान के खौफ में आए कई लोगों ने अफगान से पलायन कर लिया है जिसमें लोगों को बचाने के काम भारत और अमेरिका ने किया है। अफागनियों को बचाने में अमेरिकी सेना ने स्ट्राइक किया था जिसमें कई लोग मारे गए थे।

इसी तरह से काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले आतंकियों को मारने के लिए अमेरिका ने एयरस्ट्राइक किया था। इसमें दस निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस तथ्य को मान लिया है और उसने इसके लिए माफी मांगी है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने स्वीकार किया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 29 अगस्त को किये गये एक ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निदोर्ष नागरिकों की मौत हो गई और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे ISIS-K से जुड़े हुए थे या अमेरिकी सेना के लिए खतरा थे।
अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड ऑस्टिन ने काबुल में हुए एयरस्ट्राइक हमले के लिए माफी मांगी है, इसमें एयरस्ट्राइक में 10 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। ऑस्टिन ने एक बयान में कहा कि " मैं ड्रोन हमले में मारे गए लोगों के पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। हम क्षमा चाहते हैं और हम इस भयानक गलती से सीखने का प्रयास करेंगे "।