भारतीय रेल के सार्वजनिक उद्यम रेलटेल ने बृहस्पतिवार से अपनी प्रीपेड वाईफाई सेवा शुरू कर दी।  इसके तहत फिलहाल देश के 4,000 रेलवे स्टेशनों पर यात्री पहले भुगतान करके हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे। 

रेलटेल पहले से ही देश के 5,950 स्टेशनों को मुफ्त वाईफाई सेवा दे रहा है जिसका उपयोग कोई भी स्मार्टफोन धारक कर सकता है।  इसके लिए उपयोक्ता को ओटीपी आधारित सत्यापन कराना पड़ता है।  नई प्रीपेड योजना के तहत उपयोक्ता रोजाना अधिकतम 30 मिनट के लिए 1एमबीपीएस की स्पीड पर इंटरनेट का उपयोग कर सकता है।  इसके बाद 34 एमबीपीएस स्पीड तक के लिए उपयोक्ता को बेहद कम शुल्क का भुगतान करना होगा। 

जानिए क्या है योजना 

एक दिन के लिए 10 रुपये में पांच जीबी, एक दिन के लिए 10 रुपये में 10 जीबी, पांच दिन की वैधता के साथ 20 रुपये में 10 जीबी, पांच दिन की वैधता के साथ 30 रुपये में 20 जीबी, 10 दिन की वैधता के साथ 40 रुपये में 20 जीबी, 10 दिन की वैधता के साथ 50 रुपये में 30 जीबी और 30 दिनों की वैधता के साथ 70 रुपये में 60 जीबी डेटा का उपयोग किया जा सकता है। 

रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा, हमने उत्तर प्रदेश के 20 स्टेशनों पर प्रीपेड वाईफाई का परीक्षण किया और उससे मिली प्रतिक्रिया तथा विस्तृत परीक्षण के साथ हम इस योजना को भारत में 4,000 से ज्यादा स्टेशनों पर शुरू कर रहे हैं।  हमारी योजना सभी स्टेशनों को रेलवायर वाईफाई से जोड़ने की है। 

उन्होंने कहा कि डेटा योजना इस तरह से बनाई गई है कि कोई भी उपयोक्ता अपनी जरुरत के हिसाब से चुन सकता है।  प्रीपेड भुगतान के लिए नेट-बैंकिंग, ई-वॉलेट और क्रेडिट कार्ड किसी का भी उपयोग किया जा सकता है।  इसे ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। 

चावला ने बताया कि कोविड-19 से पहले हर महीने करीब तीन करोड़ लोग इस योजना का उपयोग कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने और यात्रियों की संख्या पहले की तरह होने पर प्रीपेड वाईफाई सेवा से 10-15 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।