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केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संकट के बीच 'पॉजिटिविटी' मुहिम शुरू किए जाने को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने निशाना साधा है। किशोर ने अपने ट्वीट में इसे 'घिनौना' बताते हुए प्रॉपेगैंडा फैलाने के लिए सरकार का साधन करार दिया है। 2 मई को 5 विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद पहली बार प्रशांत किशोर ने सोशल मीडिया पर कुछ लिखा है।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है, 'ऐसे वक्त में जब हर कोई शोक मना रहा है और आए दिन हमारे चारों ओर त्रासदियां घट रही हैं, ऐसे में सकारात्मकता के नाम पर झूठ और प्रोपेगैंडा फैलान घिनौना काम है। पॉजिटिव रहने के लिए हमें अंधा होकर सरकार का प्रोपेगैंडा फैलाने वाला नहीं बनना चाहिए।'
बता दें कि प्रशांत किशोर ने केंद्र पर यह निशाना ऐसे समय में साधा है जब देश में कोरोना से हर दिन रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं।
सरकार ने कुछ दिन पहले अधिकारियों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया था। इस वर्कशॉप का मकसद अधिकारियों को यह सिखाना था कि कैसे महामारी के समय में भी सरकार की छवि को सकारात्मक बनाया जाए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव कहानियां जनता के बीच ले जाने को कहा गया। सरकार ने पहली बार इस तरह की कोई वर्कशॉप आयोजित की थी और करीब 300 अधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया था।
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी 'Positivity Unlimited' नाम से ऑनलाइन लेक्चर्स की शुरुआत की है। ये लेक्चर 11 से 15 मई के बीच प्रसारित होंगे, ताकि लोगों में महामारी के बीच सकारात्मकता और विश्वास बढ़ाया जा सके। यह सीरीज आरएसएस की कोविड रेस्पॉन्स टीम आयोजित कर रही है। आरएसएस चीफ मोहन भागवत, विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी, धर्मगुरु जग्गी वसुदेव इन लेक्चरों के मुख्य वक्ताओं में शामिल हैं।
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