यूपी के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से अब तक 84 लोगों की मौत हो चुकी है।  जहरीली शराब की घटना को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन मरने वालों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है।  वहीं अब भी कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।  वहीं, प्रशासन पर आरोप लग रहा है कि मौतों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। 

प्रशासन की तरफ से अब तक सिर्फ 25 मौतों की ही जानकारी दी गई है।  उनका कहना है कि 25 के अलावा हुई मौतें संदिग्ध (Deaths Suspicious)  हैं।  विसरा रिपोर्ट के बाद सच सामने आएगा।  अलीगढ़ के गांव करसुआ गांव में जहरीली शराब का असर अब शहरी इलाकों में भी दिख रहा है। 

शहरों में भी मौतों का सिलसिला शरू हो गया है।  वहीं लापरवाही सामने आने के बाद जॉइंट एक्साइज कमिश्नर समेत दूसरे निलंबित अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. इस मामल में गभाना के सीओ कर्मवीर सिंह समेत कई जगहों के सीओ को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 

जहरीली शराब से गांव में रिकॉर्ड मौतों के बाद शहरी इलाकों में भी मौत का तांडव जारी है।  टप्पल और जट्टारी में भी कई लोगों की जान जहरीली शराब पीने की वजह से गई है।  क्वारसी के मोहल्ला चंदनिया में तीन लोगों की मौत की खबर है।  पीड़ित परिवारों का कहना है कि शराब का ठेका बंद होने के बाद मृतकों ने एक महिला से अवैध शराब खरीदी थी।  गांधी पार्क के धनीपुर में भी दो लोगों के मौत की खबर है। 

बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने सीधे डीएम पर हमला बोला है।  उनका कहना है कि जिले में अवैध शराब का धंधा फलता-फूलता रहा है और वह हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है।  पंद्रह दिन पहले ही अम्बेडकरनगर, आजमगढ़ और बदायूं में जहरीली शराब से 28 से अधिक लोग काल के गाल में समा गए।  इस साल के शुरुआती पांच महीनों की बात करें तो जनवरी से 28 मई तक प्रदेश के 11 जिलों में जहरीली शराब से तकरीबन 100 लोगों की मौत हो चुकी है।