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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे (Pm Narendra Modi In Kedarnath) और पूर्जा अर्चना शुरू की। मोदी ने पूजा अर्चना से पहले मन्दिर की ओर जाते समय प्रोटेक्शन वॉल पर लगायी गयी पेंटिंग्स का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने पहले चरण में पूर्ण हो चुके पुनर्निर्माण कार्यों और अन्य होने वाले निर्माण कार्यों पर आधारित वृत फिल्म का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री (PM Modi) द्वारा रुद्राभिषेक किये जाने के दौरान देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) और आठ मठों में भी इसका लाइव प्रसारण किया गया। मन्दिर में प्रवेश से पहले मन्दिर समिति के अधिकारियों और प्रमुख सन्तों ने मोदी का स्वागत किया। एक सन्त ने उन्हें पट्टा भेंट किया। प्रधानमंत्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में आदिगुरु शंकराचार्य (Aadi Guru Shankaracharya) की मूर्ति और समाधि का अनावरण करेंगे। यह समाधि 2013 की बाढ़ आपदा में क्षतिग्रस्त हो गयी थी जिसका पुनरोद्धार किया गया है। इसके अलावा वह 320 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव (Deepotsav in Ayodhya) का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है। कठिन समय-सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि - इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां जब भी आता हूं कण-कण से जुड़ जाता हूं। कहा कि गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है। कहा कि गाेवर्धन पूजा (govardhan puja) के दिन मुझे केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है। केदारनाथ में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। 2013 की आपदा के दौरान मैंने यहां की तबाही को अपनी आंखों से देखा था। इस दौरान केदारनाथ आपदा (Kedarnath disaster) को याद कर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। कहा कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी कि ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।
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