प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही नेशनल वॉर मेमोरियल पर ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ जलाई।नेशनल वॉर मेमोरियल की अखंड ज्वाला से प्रज्ज्वलित चार ‘विक्ट्री मशाल’ अब देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाई जाएंगे, इनमें युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र के विजेताओं के गांव भी शामिल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के लिए लोगो (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया। एक ट्वीट में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं भारतीय सेना की वीरता और पराक्रम की परंपरा को सलाम करता हूं। मुझे उन बहादुर सैनिकों की बहादुरी याद है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में एक नई किंवदंती लिखी थी। उनका बलिदान सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा है। यह देश उन्हें हमेशा याद रखेगा।’’

युद्ध स्मारक पर इस आयोजन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 1971 की लड़ाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी और पाकिस्तान के 90000 से भी अधिक सैनिकों को समर्पण करना पड़ा था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह किसी सेना का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। इस जीत के बाद ही बंगलादेश एक नए राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था।