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सैन्य परिवार की पृष्ठभूमि में पैदा हुए पूर्व सेना प्रमुख एवं देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत (Cds Bipin Rawat) की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने साथ की एक तस्वीर शेयर कर दुख जताया है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 16 मार्च 1958 को जन्मे जनरल रावत का पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत (Bipin Laxman Singh Rawat) था। उन्होंने सैन्य सुधारों से लेकर सेना को चुस्त-दुरुस्त बनाने तथा उसकी मारक क्षमता बढ़ाकर सीमा पार जाकर आतंकवादियों के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई और करगिल की लड़ाई में महत्वपूर्ण तथा नेतृत्वकारी भूमिका निभायी थी।
उनके प्रमुख रक्षा अध्यक्ष रहते हुए ही भारत ने पिछले वर्ष पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की चीन की कोशिशों का करारा जवाब दिया। जनरल रावत की बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में कुन्नूर के निकट हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में मौत हो गयी। वह 63 वर्ष के थे। उनके साथ हेलीकॉप्टर में सवार उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 11 अन्य अधिकारी भी इस हादसे में मारे गये। जनरल रावत के असमय निधन को देश तथा सशस्त्र सेनाओं के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
जनरल रावत इससे पहले भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) के शिकार हुए थे लेकिन उस समय सौभाग्य से वह सुरक्षित बच गये। तीन फरवरी 2015 को उनका हेलीकॉप्टर नागालैंड में दीमापुर में दुर्घटनाग्रस्त (Nagaland Dimapur helicopter crash) हो गया था। अपनी असाधारण प्रतिभा के चलते जनरल रावत अपने से वरिष्ठ दो अधिकारियों को पीछे छोड़कर सेना में सर्वोच्च रैंक जनरल तक पहुंचे और बाद में उन्हें देश का पहला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (chief defense chief) नियुक्त किया गया था। जनरल रावत के पिता भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक से सेवानिवृत्त हुए थे। सैन्य विरासत में पले-बढ़े जनरल रावत ने 1978 में सेना की 11 वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन के साथ अपने सैन्य कैरियर की शुरुआत की थी।
जनरल रावत (Cds Bipin Rawat) निरंतर सफलताओं की सीढ़ी चढ़ते रहे और विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभालते हुए उन्हें एक सितंबर 2016 को उप सेना प्रमुख बनाया गया। इसके बाद वह 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक वह सेना प्रमुख रहे। सेवानिवृत्त होने से एक दिन पहले उन्हें देश का पहला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया और एक जनवरी 2020 को उन्होंने इस पद का कार्यभार संभाला। असाधारण तथा विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
जनरल बिपिन रावत (Cds Bipin Rawat) भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक थे, जहां श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर के सम्मान से नवाजा गया। जनरल रावत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सेना का गौरव बढ़ाया और कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व किया। जनरल रावत ने स्कूली शिक्षा देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल में पूरी की। वह फोर्ट लीवनवर्थ, अमेरिका में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। वर्ष 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण ङ्क्षसह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
Gen Bipin Rawat was an outstanding soldier. A true patriot, he greatly contributed to modernising our armed forces and security apparatus. His insights and perspectives on strategic matters were exceptional. His passing away has saddened me deeply. Om Shanti. pic.twitter.com/YOuQvFT7Et
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2021
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