पितृ पक्ष श्राद्ध शुरू हो चुके हैं जो 6 अक्टूबर तक चलेंगे। इस समयावधि में पितरों को याद करके उनक लिए श्राद्ध कर्म और पूजा-पाठ किए जाते हैं। पितृपक्ष के समय पूर्वजों की परलोक गई आत्मा धरती पर लौटकर आती है। इस वजह से लोग शुभ काम और खरीदारी नहीं करते हैं क्योंकि यह समय शोक का होता है। लेकिन शास्त्रों और पुराणों में इस बात का जिक्र नहीं है कि पितृ पक्ष का समय अशुभ होता है, यह केवल आम धारणा है। अब 16 दिनों तक चलने वाले इस सपितृ पक्ष में ऐसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो बेहद ही कल्याणकारी और शुभ फलदायी हैं। इन शुभ योग में आप तर्पण और पिंडदान करके पितृ दोष से मुक्ति पाने के साथ ही आप खरीदारी और शुभ काम भी कर सकते हैं।

पितृ पक्ष 21 सितंबर से शुरू हैं। ऐसे में इस पूरे पक्ष यानी पखवाडे में बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग के विशिष्ट संयोग बन रहे हैं। इन शुभ मुहूर्त में खरीदारी, शुभ काम, निवेश करना आपके लिए सुखद रहेगा। पितृ पक्ष में 21, 23, 24, 27, 30 सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। वहीं 26 और 27 सितंबर को रवि योग बन रहा है और 27 व 30 सितंबर अमृत सिद्धि योग बन रहा है। ऐसे में आपको शुभ योग में काम करने के लिए सात दिन मिल रहे हैं, ये नया काम और खरीदारी करने के लिए बेहद ही उत्तम दिन हैं। इसके बाद से नवरात्रि शुरू हो जाएंगे। इन योग में जो भी काम किया जाता है, उसमें केवल वृद्धि होती है।

शास्त्रों के अनुसार पितर देवता तुल्य है और वो अपने परिवार के सदस्यों की तरक्की से काफी खुश होते हैं और उनकी खुशी में ही पितरों को खुशी मिलती है। इसलिए मन में किसी भी तरह का वहम नहीं होना चाहिए कि श्राद्ध पक्ष में कुछ भी खरीदारी करना या नया काम शुरू करना अशुभ माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान आपराधिक, अमानवीय और हर तरह के अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए। साथ ही न किसी के बारे में बुरा बोलें और न सोचें। पितर इस समय हमारे घर पर लौटकर आते हैं इसलिए यह खुशी का समय है और उनका श्राद्ध करके आशीर्वाद मिलता है।