/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2020/09/09/epfo-1599653947.jpg)
पीएफ खाता धारकों को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि इस साल पीएफ खाता में ब्याज दरें घटाई जा सकती है। खबरों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में पीएफ पर ब्याज दर घटाने की तैयारी पूरी की जा चुकी है।
नई दरों का एलान चार मार्च को हो सकता है क्योंकि इसी दिन EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मीटिंग होगी। दरअसल कोरोना संकट के कारण वित्त वर्ष 2020 में कोरोना संकट के कारण पीएफ की कमाई में खासा असर पड़ा है। इस साल पीएफ के कमाई में वृद्धि दर 8.5 रही जो पिछले सात साल में सबसे कम है।
फिलहाल देश में EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं। वित्त वर्ष 2020 में भी लाखों लोगों को ब्याज मिलने में देरी हुई है। ब्याज मिलने में देरी की असली वजह KYC में गड़बड़ी वजह बताई जा रही है। यह बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौर में लोगों ने बड़े पैमाने पर EPF से पैसा निकाला है।
जबकि कईं कपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाला। इस वजह से भारी मात्रा में निकासी हुई और अशंदान में भी कमी आयी है। संभावना यह भी है कि अंशदान में और कमी आ सकती है. पीएफ में सब्सक्राइबर्स के योगदान के हिस्से पर कम्पाउंडिंग के आधार पर ब्याज मिलता है।
बता दे कि वित्त वर्ष 2014 और 2015 में ब्याज दर 8.75 फीसदी रहा। जबकि वित्त वर्ष 2016 में यह बढ़कर 8.80 फीसदी हो गया। वित्त वर्ष 2017 में ब्याज दरें घटी और 8.65 फीसदी हुई। वित्त वर्ष 2018 में ब्याज दर घटकर 8.55 फीसदी हुई। वहीं वित्त वर्ष 2019 में ब्याज दर 8.65 फीसदी रहा। जबकि वित्त वर्ष 2020 में ब्याज दर 8.5 फीसदी रहा।
पिछले कुछ सालों में ब्याज दर में आई गिरावट की वजह से पीएफ से होने वाली कमाई पर भी बड़ा असर पड़ा है। बता दें कि ईपीएफओ अपना अधिकतर हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है। प्रोविडेंट फंड के फायदे रिटायरमेंट के बाद मिलना शुरू होते हैं। लेकिन कई बार जरूरत पड़ने पर लोग अपने PF खाते से रकम निकासी करते हैं, जिसे एडवांस कहा जाता है. इससे काफी नुकसान होता है। पीएफ खाता में ब्याज दरें घटने तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |