उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है। इस बीच पेट्रोल और डीजल की जीएसटी के दायरे में लाने की मांग तेज होती जा रही है। बता दें कि पेट्रोल की कीमत करीब 45 रुपए है और उस पर 55 रुपए का टैक्स लगता है। ऐसे में अगर पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो आम जनता को करीब 30 रुपए की राहत मिल सकती है।   

बता दें कि डीजल अभी दिल्ली में 88.62 रुपये प्रति लीटर है, जिसमें से डीजल का रेट 41.27 रुपये प्रति लीटर है, जबकि 2.59 रुपये प्रति लीटर डीलर कमीशन है और बाकी का 43.86 रुपये टैक्स है। वहीं अगर बात पेट्रोल की करें तो दिल्ली में इसकी कीमत 101.19 रुपये है। इसमें से 41.10 रुपये पेट्रोल का खर्च होता है और 3.84 रुपये डीलर का कमीशन होता है, जबकि बाकी का 56.25 रुपये टैक्स होता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण () और राज्यों के वित्त मंत्री इस बैठक में हिस्सा लेंगे, लेकिन राज्यों की खराब माली हालत और कोरोना के कारण केंद्र की राजस्व की जरूरतों को देखते हुए इस पर फैसला मुश्किल है। अगर पेट्रोल और डीजल को सीधे जीएसटी के सबसे ज्यादा टैक्स रेट की स्लैब में भी रखा जाए तो कीमत में 20 से 30 रुपये की कमी हो सकती है।