सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के नाम देश मेें किसी राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे लंबे समय तक शासन करने का रिकॉर्ड दर्ज है। वे लागतार 25 सालों से सिक्किम के मुख्यमंत्री हैं। चामलिंग अपने इस रिकॉर्ड को और बड़ा बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ सिक्किम में भी विधान सभा की 32 सीटों के लिए वोटिंग हुई है। जिसके नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।


गौर हो कि मुख्यमत्री चामलिंग ने पिछले साल 12 दिसंबर को लगातार पच्चीस साल का कार्यकाल पूरा कर लिया था। इसी के साथ लगातार इतने वर्षों तक किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने वाले चामलिंग भारत में एकमात्र नेता बन गए हैं। उन्होंने 12 दिसंबर 1994 में मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इसके बाद से वे लगातार मुख्यमंत्री बने हुए हैं। गत चार मार्च 1993 को क्षेत्रीय दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) पार्टी की स्थापना की थी। इस दौरान उन्होंने गरीबी उत्थान का नारा दिया था।

चामलिंग शासन में घटा है गरीबी का आंकड़ा
अपने शासन के दौरान उन्होंने गरीबी 44 फीसद घटाकर आठ फीसदी कर दी है। राज्य के विकास के साथ लोगों की जीवनचर्या में भी सुधार आया है। इसी वजह से राज्य पूरी तरह से साक्षार व गरीबीमुक्त बन गया है। भविष्य में इसी सोच के साथ पार्टी लगातार लोगों की सेवा करती रहेगी।32 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा
22 सितंबर, 1950 को दक्षिणी सिक्किम के यांगांग में जन्मे पवन चामलिंग ने हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। उनकी मां का नाम आशा रानी चामलिंग जबकि पिता का नाम आश बहादुर था। उन्होंने 32 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा। नार बहादुर भंडारी के कार्यकाल में उन्होंने 1989 से 1992 तक उद्योग, सूचना और जन संचार मंत्री के रूप में काम किया। हालांकि सिक्किम में लगातार जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच उन्होंने 1993 में एसडीएफ का गठन किया।

पांच बार बंगाल के सीएम बने थे बासु
सीपीआई (एम) के नेता ज्योति बासु पांच बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने थे। वे 21 जून, 1977 को सत्ता में आए थे। इसके बाद 6 नवंबर, 2000 तक वे सत्ता में रहे। साल 2000 में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने शासन की बागडोर बुद्धदेब भट्टाचार्य को सौंप दी थी। बासु की मृत्यु 95 साल की उम्र में साल 2010 में हुई थी।