कोरोना के कहर में उत्तराखंड के गंगोत्री धाम के कपाट बड़े ही विधि विधान के साथ कपाट खोल दिए गए है। मां गंगा की डोली आज सुबह भैरव घाटी से गंगोत्री के लिए रवाना हो गई है। मंत्र उच्चारणों के साथ गंगोत्री के पंडा पुरोहितों ने गंगोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए हैं। मां गंगा का परिसर जयकारों से गूंज उठा और शानदार वातावरण बन गया। बता दें कि गंगोत्री की पहली पूजा पंडा पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नाम से की है।

दुनिया को कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए विशेष पाठ का आयोजन किया गया है। मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव से गंगोत्री के लिए रवाना हुई। कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल भी मुखबा गांव के लोग दूर से ही मां गंगा की डोली का दर्शन कर पाए। इस साल आर्मी के बैंड की धुन भी गंगोत्री धाम में नहीं सुनाई दी।

गंगोत्री मंदिर समिति के रविंद्र सेमवाल ने कहा कि कोरोना के कहर से सीमित संसाधनों के साथ गंगोत्री धाम में पूजा पाठ और मां गंगा की आरती का आयोजन हर दिन किया जाएगा लेकिन मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि साल 2020 की तरह इस साल भी गंगोत्री धाम के कपाट बड़े सादगी से खोले गए थे। उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना महामारी समाप्त होगी।