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भारतीय वायुसेना में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के शामिल होने से पहले पाकिस्तान की सेना (Pakistani Army) ने चीन निर्मित HQ-9/P HIMADS एयर डिफेंस सिस्टम को अपनी सेना में शामिल किया है। पाकिस्तान का दावा है कि चीनी एयर डिफेंस सिस्टम लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है जो 100 किमी तक फाइटर जेट, क्रूज मिसाइलों और अन्य हथियारों को एक वार से तबाह करने में सक्षम है।
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa) ने गुरुवार को चीन निर्मित HQ-9/P HIMADS (हाई टू मिडियम एयर डिफेंस सिस्टम) को एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल किया। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम के शामिल होने से अब पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा काफी मजबूत हो गई है। उसने कहा कि यह एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ कई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट कर सकता है।
करीब 100 किमी की दूरी तक आंखों से नहीं दिखाई देने वाले लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है। पाकिस्तानी सेना (Pakistani army) ने कहा कि उभरते हुए खतरों के बीच इस एयर डिफेंस सिस्टम के शामिल होने से हवाई सुरक्षा अभेद्य हो गई है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख (Pakistani Army chief) ने कहा कि चीन और पाकिस्तान (china and Pakistan) के बीच रक्षा और रणनीतिक भागीदारी इलाके में स्थिरता का एक बड़ा फैक्टर है। इस कार्यक्रम में चीन से आए कई अधिकारी भी मौजूद थे।
पाकिस्तानी विशेषज्ञों का दावा है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज में लगभग पूरा जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) आता है। यह पाकिस्तान की सेना में शामिल हुआ सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसका इस्तेमाल तटीय सुरक्षा के लिए भी किया जा सकता है। इसे रेल या हवाई रास्ते से कहीं भी ले जाया जा सकता है। पाकिस्तानी सेना (pakistani army) में यह एयर डिफेंस सिस्टम ऐसे समय में शामिल हुआ है जब भारत को नवंबर महीने में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 air defense system) रूस से मिलने जा रहा है।
पाकिस्तानी विशेषज्ञ कुछ भी कहें लेकिन अभी दुनिया में सबसे बढ़िया एयर डिफेंस सिस्टम रूस में बना एस-400 ही है। S-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया है, जो रूस में 2007 के बाद से ही सेवा में है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।
रूसी सिस्टम 400 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है और रूस की सेना (Russian army) ने 28 अप्रैल, 2007 को पहली बार तैनात किया था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इजरायल (Israel) और अमेरिका (US) का मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मजबूत है, लेकिन उनके पास लॉन्ग रेंज की मिसाइलें हैं। इसकी बजाय रूस के पास कम दूरी में मजबूती से मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। यह एयरक्राफ्ट्स को मार गिराने में सक्षम है, जिसके जरिए अटैक का भारत पर खतरा रहता है। खुद चीनी सेना भी इसी एस-400 सिस्टम का इस्तेमाल करती है।
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