दुनियाभर में परमाणु तकनीक की तस्‍करी करने वाले और पाकिस्‍तान के लिए परमाणु बम बनाने वाले अब्‍दुल कादिर खान बेहद दुखद हालत हो गई है। अब्‍दुल कादिर खान ने अब आरोप लगाया है कि देश की इतनी सेवा करने के बाद न तो प्रधानमंत्री इमरान खान और न ही उनकी कैबिनेट के किसी सदस्‍य ने उनका हालचाल लिया।

अब्‍दुल कादिर ने डॉन को दिए साक्षात्‍कार में कहा, 'मैं इस बात से बेहद दुखी हूं कि न तो प्रधानमंत्री और न ही उनकी कैबिनेट के सदस्‍यों ने मेरे स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में हालचाल लिया।' 'पाकिस्‍तान के रक्षक' कहे जाने वाले एक्‍यू खान ने कहा कि पूरा देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा था लेकिन सरकार की ओर से किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली। शुक्रवार को पाकिस्‍तान में अफवाह उड़ गई थी कि अब्‍दुल कादिर की मौत हो गई है।

हालत यह हो गई कि अब्‍दुल कादिर को एक वीडियो संदेश जारी करके बताना पड़ा कि वह जिंदा हैं। उन्‍होंने कहा कि मैं अपने दोस्‍तों और चाहने वालों को बताना चाहता हूं कि मैं जिंदा हूं। कोरोना वायरस का शिकार बने डॉ. कादिर की तबीयत बिगड़ती चली गई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि अब उनकी सेहत में काफी सुधार हो गया है। पाकिस्‍तान में विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने अब्‍दुल कादिर खान के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता जताई है।

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में जनक कहे जाने वाले कादिर खान को परमाणु प्रसार की बात स्वीकार करने के बाद पद से हटा दिया गया था। पाकिस्तान ने पड़ोसी भारत से होड़ करते हुए 1998 में पहले एटम बम का परीक्षण किया था। खान को जब से पद से हटाया गया है तभी से वह भारी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद एक इलाके में अलग-थलग रहते हैं। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि उन्हें सुरक्षा कारणों से इस तरह से रखा गया है।

कादिर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को एटम बम बनाने के लिए मदद दी थी। कादिर ने उन्हें यूरेनियम संवर्धन के लिए सप्लाई डिजाइन, हार्डवेयर और मटीरियल उपलब्ध कराने में मदद की थी। अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसी आईएईए ने कहा था कि कादिर न्यूक्लियर ब्लैक मार्केट का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं और विभिन्न देशों के लोगों की इसमें मदद की है।