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अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार उस पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा है। वह आईएसआई चीफ को काबुल भेज चुका और भारत समेत अमेरिका के खिलाफ खतरनाक साजिश रच चुका है। पाकिस्तान के आईएसआई चीफ फैज हमीद ने अफगानिस्तान में बन रहे हालात पर चीन समेत क्षेत्रीय देशों के खुफिया प्रमुखों की एक अहम सुरक्षा बैठक की मेजबानी की है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने इस्लामाबाद में चीन, ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के खुफिया प्रमुखों के साथ अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा के बहाने कोई नई चाल की तैयारी चल रहा है।
हालांकि, बैठक को लेकर किसी भी पक्ष से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन सूत्रों ने पुष्टि की कि आईएसआई के महानिदेशक ने अफगानिस्तान की स्थिति, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करने के तरीके पर चर्चा की। पाकिस्तान ऑब्जर्वर अखबार ने बताया कि रूस, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के खुफिया प्रमुखों ने बैठक में भाग लिया है।
हालांकि, एक अन्य टीवी चैनल ने दावा किया कि इस बैठक में सिर्फ चीन, रूस, ईरान, ताजिकिस्तान के खुफिया प्रमुखों ने हिस्सा लिया। चैनल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि उन्होंने बैठक के दौरान अफगानिस्तान में चल रही सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की। वहीं, इस बैठक पर पाकिस्तान की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिस वजह से पाकिस्तान की मंशा पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
मालूम हो कि इससे पहले, आईएसआई प्रमुख हमीद ने हाल ही में अफगानिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने काबुल में अफगान नेतृत्व से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। यात्रा के कुछ दिनों बाद ही तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा कर दी थी।
तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह को रद्द कर दिया है। इसके पीछे कट्टर संगठन ने पैसों और संसाधनों की बर्बादी को वजह बताया है। पहले माना जा रहा था कि 11 सितंबर को तालिबान सरकार ने यह समारोह करने का फैसला लिया था, लेकिन अमेरिका के 9/11 हमले की 20वीं बरसी की वजह से पड़ रहे दबाव के बाद यह फैसला बदल दिया गया। तालिबान ने हाल ही में अपनी नई अंतरिम सरकार का गठन किया है, जिसमें उसने एक से बढ़कर एक कट्टर लोगों को जगह दी है। सरकार में वैश्विक आतंकवादी को भी शामिल किया है। खूंखार आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान ने अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री घोषित किया है।
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