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गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को कंगाली में चीन का सहारा मिला है। चाइना डेवलेपमेंट बैंक की ओर से पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर की राशि मिली है। इससे संकटग्रस्त मुल्क के विदेशी मुद्रा भंडार को कुछ मदद मिलेगी, जिसकी उसे फिलहाल सख्त जरूरत थी। चीन की तरफ से उसे यह मदद ऐसे समय में मिली है जब पाकिस्तान पहले से भारी भरकम कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। उसने सबसे ज्यादा, 30 फीसदी विदेशी कर्ज चीन से लिया है।
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पाकिस्तान का संकट कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके पास तीन हफ्ते से भी कम के आयात के लिए डॉलर बचे हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए चीनी राशि को पाकिस्तान के लिए 'लाइफलाइन' करार दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'अलहम्दो लिल्लाह! स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को आज 700 मिलियन डॉलर की राशि चाइना डेवलेपमेंट बैंक से मिली।' कुछ दिनों पहले डार ने बताया था कि चाइना डेवलेपमेंट बैंक ने पाकिस्तान के लिए 700 मिलियन डॉलर के लोन की मंजूरी दे दी है। इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।' यह कर्ज पाकिस्तान के सिकुड़ते विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत तो करेगा लेकिन अवाम पर विदेशी कर्ज के बोझ को और ज्यादा बढ़ाएगा। इस हफ्ते राशि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान पहुंच सकती है।
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शहबाज सरकार मुल्क के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना चाहती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से झटका मिलने के बाद हुकूमत के लिए यह काफी मुश्किल हो गया है। लिहाजा पाक पीएम शहबाज शरीफ अब मित्र देशों से कर्ज मांग रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया द न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान फरवरी के आखिर तक या मार्च 2023 के पहले हफ्ते तक चीन से कुल 2 बिलियन डॉलर तक का कर्ज लेने का लक्ष्य बना रहा है। चीनी राशि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर दबाव को कम करेगी, जो महामारी, बाढ़, विदेशी कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता के कारण संघर्ष कर रही है। हालांकि शहबाज शरीफ ने खुद स्वीकार किया था कि मित्र देशों से कर्ज मांगने में उन्हें 'शर्मिंदगी' का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि कर्ज पाकिस्तानी संकट का हल नहीं है क्योंकि इसे लौटाना भी पड़ता है।
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