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बड़ी संख्या में भारतीयों का मानना है कि पाकिस्तान ने 1971 (1971 war) की अपमानजनक सैन्य हार से कोई सबक नहीं सीखा है। एक सर्वे के अनुसार, संकटग्रस्त पड़ोसी देश पिछले 50 वर्षों में भारत के प्रति और भी खतरनाक और प्रतिशोधी हो गया है। यह जानकारी 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Bangladesh Liberation War) की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण से मिली। सर्वेक्षण के लिए नमूना आकार 2,339 था।
पोल के अनुसार, 35 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan India war) भारत के प्रति अधिक खतरनाक और प्रतिशोधी हो गया है क्योंकि देश को 1971 में करारी हार का सामना करना पड़ा था, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) को करारी शिकस्त दी थी। उत्तरदाताओं में से 27.7 प्रतिशत ने महसूस किया कि पाकिस्तान ने अपनी हार से सबक नहीं सीखा है। वहीं 21.8 प्रतिशत ने कुछ अलग महसूस किया। इन लोगों का मानना था कि देश ने 1971 की हार से सबक सीखा है। साक्षात्कार में शामिल लोगों में से कुल 15.4 प्रतिशत ने कहा कि देश ने इतिहास के सबसे छोटे सैन्य संघर्षों में से एक से केवल कुछ सबक सीखे हैं।
राजनीतिक बंटवारे पर नजर डालें तो इस मुद्दे पर एनडीए के वोटर और विपक्षी वोटर्स दोनों की राय एक जैसी थी। सर्वेक्षण के परिणामों ने आगे खुलासा किया कि अधिकांश भारतीयों का मानना है कि भविष्य में भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan Relations) के बीच तनावपूर्ण संबंध बने रहेंगे। सर्वेक्षण में, जहां 37.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे भविष्य में भारत के साथ पाकिस्तान के अच्छे संबंध के बारे में आशावादी नहीं हैं, वहीं 21.9 प्रतिशत ने कहा कि दोनों के बीच संबंध वास्तव में खराब होंगे। साक्षात्कार में शामिल लोगों में से केवल 22.6 प्रतिशत ने भविष्य में भारत-पाक संबंधों के बारे में आशावाद व्यक्त किया।
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