वालचंदनगर इंडस्ट्री कंपनी ने सफलतापूर्वक एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण किया है, जिसे पीएम केयर के जरिए नागालैंड, झारखंड, त्रिपुरा और राजस्थान राज्यों में पहुंचाया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में ऑक्सीजन की भारी कमी कर दी। कोरोना संकट की अचानक शुरुआत और ऑक्सीजन की कमी ने ऑक्सीजन प्लांट के महत्व को रेखांकित किया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में एक नया ऑक्सीजन प्लांट बनाने की पहल की और पुणे की वालचंदनगर इंडस्ट्री को इस प्लांट की जिम्मेदारी सौंपी। इसके अनुसार, कंपनी ने कम समय में सफलतापूर्वक सात ऑक्सीजन संयंत्रों का निर्माण किया है। बाकी प्लांट पर काम जोरों पर है। वातावरण से हवा लेकर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट को लेकर जानेवाली गाड़ी को वालचंदनगर कंपनी के प्रबंध संचालक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिराग दोशी और संरक्षण संशोधन और विकास संस्था के रिसर्च एंड डेवलपमेंट वैज्ञानिक डॉ। राहुल हर्ष के हाथों हरी झंडी दिखा कर किया गया। 

कंपनी के प्रबंध निदेशक चिराग दोशी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि देश के हर अस्पताल में एक ऑक्सीजन संयंत्र हो। हम पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। हम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सहयोग से कम समय में ऑक्सीजन संयंत्र का निर्माण पूरा करके खुश हैं। कंपनी ने डिफेंस, एरोस्पेस, मिसाइल, अणुऊर्जा निर्माण परियोजना, पनडुब्बी ने गियर बॉक्स निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में संरक्षण सशोधन और विकास संस्था के वैज्ञानिक डॉ. टी. एम. कोत्रेश, निदेशक पी.एम. कुरुलकर, डी.बी. पेद्राम आदि शामिल हुए। इस मौके पर कंपनी के जनरल मैनेजर धीरज केसकर, नितीन पोल उपस्थित थे। इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले एकनाथ पेठे, अंगत शर्मा, चंद्रा शेट्टी इंजीनियर का सम्मान किया गया।