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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण-कश्मीर में सुरक्षा चूक के कारण उसकी पार्टी के नेता एवं नगर पार्षद की हत्या हुई है और इसी के साथ पार्टी ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इलाके में आंतकवादी कैसे खुलेआम घूम रहे हैं। पुलवामा जिले के त्राल में बुधवार देर रात भाजपा निगम पार्षद राकेश पंडित की तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने हत्या कर दी।
भगवा पार्टी ने कहा कि यह एक राजनीतिक हत्या है और इसे कश्मीरी पंडितों की वापसी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में भाजपा महासचिव अशोक कौल ने कहा,'' यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है। हमारी सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि तीन अज्ञात आतंकवादी इलाके में घूम रहे हैं। क्या यह सुरक्षा में चूक नहीं है। हम इस तथ्य से पूरी तरह से सहमत हैं कि हमारे नेता व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) के साथ त्राल नहीं गए थे।'
कौल ने कहा कि सरकार को अपनी ओर से हुई इस चूक को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने इस घटना को 'राजनीतिक' हत्या करार देते हुए कहा कि इसे कश्मीरी पंडितों की वापसी या अन्य चीजों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। कश्मीर में पिछले एक साल से भाजपा नेताओं को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। पंडित नगर समिति को मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहे थे और विकास के काम पर जोर दे रहे थे। भाजपा पार्षद की हत्या के बाद पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने आज कहा कि कोई भी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति पीएसओ के बिना कहीं नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में दो पीएसओ और होटल की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पार्षद बिना किसी सुरक्षा कर्मी के त्राल चले गए।
कुमार ने कहा कि स्थानीय जमीनी हकीकत जानने के बाद ही सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के साथ दौरे की अनुमति दी जाती है। स्थानीय खतरे का जमीनी आकलन करने के बाद ही सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के दौरे की अनुमति दी जाती है। उन्होंने सभी सुरक्षा प्राप्त नेताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि वे मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का उल्लंघन न करें और अनावश्यक रूप से अपने जीवन को जोखिम में न डालें।'
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