पेट्रोल और डीजल के बाद अब प्याज महंगाई के आंसू रूलाने वाला है। प्याज का खुदरा भाव बीते तीन हफ्ते से 50-60 रुपये के करीब चल रहा था, लेकिन अब ये रेट 60 रुपये के भी पार चले गए हैं। कई जगहों पर रेट 65-70 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। पिछले डेढ़ महीने में प्याज का भाव दोगुना हो गया है। वहीं, सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में ही प्याज का भाव दो दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल बढ़े हैं।

प्याज के दाम अभी कम होने के कोई आसार नहीं है। कारोबारियों के अनुसार कि कम से कम 15 दिन और प्याज के दाम नहीं कम होने वाले। क्योंकि रबी फसल मार्च में ही बाजार में उतरेगी। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी के रूप में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी में शनिवार को प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो था, जबकि मॉडल रेट 31.25 रुपये प्रति किलो था।
 
खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों की प्रमुख मंडियों में भी भाव 20 रुपये से 43 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया। नासिक का प्याज सबसे उंचे भाव बिक रहा है। वजह, नासिक प्याज की आवक कम हो रही है। देश में प्याज का उत्पादन तकरीबन सभी क्षेत्रों में होता है, लेकिन महाराष्ट्र में नासिक प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्र माना जाता है। कारोबारी बताते हैं नासिक के प्याज की क्वालिटी अच्छी होती और यह प्याज ज्यादा दिनों तक टिकता है, मतलब खराब नहीं होता है।

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि इस समय आवक तकरीबन 30 प्रतिशत कम हो रही है, जिसके चलते बीते सप्ताह में प्याज का भाव करीब 10 रुपये प्रति किलो बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि अगले एक पखवाड़े में प्याज की नई फसल उतरेगी जिसके बाद दाम में गिरावट आएगी।
 
इसी तरह, दिल्ली की आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड अनियन मर्चेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने भी बताया कि रबी सीजन की फसल की आवक बढ़ने पर भी प्याज के दाम पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में गिरावट के लिए अभी 15 से 20 दिन और इंतजार करना होगा।