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आज से ठीक 9 साल पहले मलेशिया का एक यात्री विमान एमएच 370 239 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के साथ लापता हो गया था। यह घटना विमानन इतिहास के सबसे बड़े रहस्यों में दर्ज हो गई है। हालांकि कुछ समय बाद विमान का मलबा तो मिला, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के बाद ये विमान रास्ते से भटक गया और फिर इसका कोई सुराग नहीं मिला।
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मलेशियाई सरकार ने जनवरी 2015 में महीनों के तलाशी अभियान के बाद जहाज पर सवार सभी 239 लोगों को मृत घोषित कर दिया। इसने इसे विमानन के इतिहास में बोइंग 777 से जुड़ी सबसे रहस्यमयी घटना बना दिया। उड़ान भरने के लगभग 38 मिनट बाद विमान के चालक दल ने आखिरी बार हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से संपर्क किया था, जब ये विमान दक्षिण चीन सागर के ऊपर था। उसके कुछ मिनटों के बाद विमान एटीसी रडार स्क्रीन से खो गया।
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8 मार्च 2014 को विमान ने दोपहर 12.41 बजे कुआलालंपुर से उड़ान भरी थी और उसी दिन 06.30 बजे चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचने वाला था। सुबंग एयर ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर ने 02:40 पर बताया कि विमान का केंद्र से संपर्क टूट गया था। वियतनाम आपातकालीन बचाव केंद्र को लापता विमान से एक संकेत मिला, जिसे एक आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर माना जाता था। विमान चीन के हवाई क्षेत्र में नहीं घुसा था और कहा जा रहा है कि विमान वियतनाम के हवाई क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यहां तक कि चीनी कंट्रोल सेंटर से भी संपर्क नहीं हो सका। विमान में चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित 14 विभिन्न देशों के यात्री सवार थे।
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