अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के देश की आजादी को लेकर दिये बयान पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर बिहार में भी सियासत (Bihar Politics) गरमा गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस पर कहा कि ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देनी चाहिए. इसका कोई मतलब नहीं है. ऐसे लोगों की बात को पब्लिक ही क्यों की गयी और इसको कैसे पब्लिसिटी दी गई. उन्होंने कहा कि यह कौन नहीं जानता कि आजादी कब मिली. ऐसे लोगों की बातों को तो नोटिस ही नहीं करना चाहिए बल्कि उसका मजाक उड़ा देना चाहिए. ऐसे लोगों की काम में रुचि नहीं, वो कुछ भी बोल कर, बयान दे कर चर्चा में बने रहना चाहते हैं.

कंगना रनौत के बयान से नाराज बिहार कांग्रेस के नेताओं ने उनके खिलाफ शनिवार को पटना (Patna) के श्रीकृष्ण पुरी थाना में आवेदन देकर उन पर कठोर कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कंगना को दिये पद्ममश्री अवार्ड वापस लेने का आग्रह किया था. कांग्रेस के नेताओं ने कंगना रनौत पर कार्रवाई नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.

बता दें कि कंगना रनौत ने पिछले हफ्ते एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून नहीं बहाए. उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, पर 1947 में जो मिली वो आजादी नहीं थी, वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई.’ कंगना के दिए इस बयान को लेकर तब से देश भर में खूब हंगामा मचा हुआ है.