न्यूजीलैंड में नस्लीय भेदभाव (Racial Discrimination in New Zealand) का सामना कर रही ओडिशा में सोरो इलाके की एक युवती ने केंद्र सरकार (Central Government) से सहायता की गुहार लगायी है। सोरो थाना क्षेत्र के कानपुर गांव की रहने वाली 32 वर्षीय पद्मावती महाराणा (Padmavati Maharana) अंग्रेजी में स्नातोकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद से न्यूजीलैंड के कैंटरबरी के रंगियोरा शहर में रह रही हैं। 

वर्ष 2018 से योग सिखाने वाली पद्मावती उस वक्त स्थानीय कुछ लोगों के अपमान का शिकार हुईं जब उन्होंने सोशल मीडिया (टिक टोक ऐप) (Tik Tok App) के माध्यम से एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें वह स्वस्थ जीवन जीने के लिए मांसाहार (non-vegetarian) से दूर रहने का आग्रह करती नजर आ रही हैं। उनका यह पोस्ट उस वक्त विवादों के घेरे में आ गया, जब उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जाने लगा। 

पद्मावती (Padmavati Maharana) को फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप से भद्दे मैसेजेस आने लगे। पद्मावती ने आरोप लगाया कि उन्हें अज्ञात नंबरों से फोन आ रहे है और यहां तक कि उन्हें कुछ अज्ञात लोगों से प्रीपेड बीफ स्टफ्ड पिज्जा भी भेजे जा रहे हैं। कुछ लोगों ने उनके ऑफिस के बाहर धरना भी दिया। इस पर पद्मावती ने स्थानीय पुलिस से शिकायत भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कोरोना प्रतिबंधों (covid19) के मद्देनजर जब पद्मावती को सोशल मीडिया का सहारा लेकर योग सिखाना पड़ रहा है, ऐसे में लोगों की इन हरकतों की वजह से उन्हें मजबूरन चहारदीवारी में रहना पड़ रहा है। यहां वह किराये के एक मकान में रहती हैं, जिसके बाहर भी आकर लोग उन पर हमला बोलते हैं।