सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी (Increasing the prices of bars) का क्रम लगातार जारी है और यह रोजाना नए-नए रिकार्ड बनाते जा रहा है।  गुरुवार को रायपुर में सरिया 65 हजार रुपये प्रति टन पार करते हुए 65 हजार 200 रुपये प्रति टन हो गई।  क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरिया की कीमतों में और बढ़ोतरी के ही संकेत बने हुए हैं।  यह स्थिति तब है जबकि अभी बाजार में सरिया की मांग ज्यादा नहीं है। 

मगर विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार से भवन निर्माण सामग्री की (Increase in the prices of building materials) कीमतों में जबरदस्त तेजी से लोगों के घर बनाने का सपना और महंगा हो गया है।  आने वाले कुछ दिनों में बिल्डरों द्वारा भी अपने प्रोजेक्टों में बढ़ोतरी की जाएगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। 

क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि बाजार में इन दिनों मांग में गिरावट है।  इसके बावजूद उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के कारण सरिया की कीमतें ज्यादा है।  बीते छह माह में कोयले की कीमतें (Price of coal has increased) छह हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई है।  इसके साथ ही उद्योगों में बिजली की मार भी पड़ी है। इसका असर ही कीमतों में दिख रहा है। सरिया के साथ ही सीमेंट की कीमतों में (increase in the prices of cement) भी बढ़ोतरी है, इसमें हड़ताल का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।  सीमेंट की कीमतें इन दिनों 340 से 360 रुपये तक पहुंच गई है। 

यह माना जा रहा बढ़ोतरी का कारण

1. कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से उत्पादन लागत लगातार बढ़ता जा रही है। 

2. कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे सरिया में होने वाला सट्टाबाजार भी है।