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भारत में करीब एक साल बाद किसान आंदोलन खत्म हो गया है। वहीं अब पाकिस्तान में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में किसानों ने एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य और बिजली बिलों में अधिक बिलिंग जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जानकारी के मुताबिक ये किसान प्रान्तीय सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुतिबक पाकिस्तान किसान इत्तेहाद (पीकेआई) के प्रतिनिधिमंडल ने लाहौर के सिविल सचिवालय में पंजाब के मुख्य सचिव कामरान अली अफजल से मुलाकात की। इसके बाद अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा कर दी।
मुख्य सचिव का कहना है कि उनके कार्यालय के दरवाजे किसानों के लिए हमेशा खुले हैं। वहीं इस तरह से सड़कों पर उतरना सही नहीं है, इससे आपको और जनता को भी परेशानी होगी।
प्रशासन ने दिया किसानों को आश्वासन
पंजाब के मुख्य सचिव कामरान अली का कहना है कि किसानों का हित सरकार के लिए सबसे पहले है। इस दौरान उन्होंने एमएसपी के मुद्दे पर भी बात की। कामरान अली ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठा रही है। प्रांत का प्रशासन ने पहले से ही गेहूं समर्थन मूल्य और बिजली बिलों में अधिक बिलिंग के मुद्दे पर संघीय सरकार से चर्चा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हम किसानों के मुद्दे सरकार तक पहुंचा रहे हैं। वहीं प्रशासन भी गेहूं की फसल के लिए निश्चित मूल्य पर यूरिया की उपलब्धता के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इस दौरान उन्होंने बिचौलियों पर भी कार्रवाई करने की बात कही। कामरान ने कहा कि किसी को भी मुनाफाखोरी के जरिए उत्पादकों का शोषण करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।
वहीं पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने लाहौर आने वाले किसानों के जुलूसों को रोक दिया है। इसके साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर हैं। बता दें कि भारत में किसान करीब एक साल से कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। अब जब सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द कर दिया है तो किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
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