पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Bengal Governor) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamata banerjee) पर गंभीर आरोप लगाते हुए गुरुवार को दावा किया कि उन्होंने कुलाधिपति ‘नियुक्ति प्राधिकारी’ से अनुमति लिये बिना ही 24 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की ‘नियुक्ति’ (VCs of 24 universities) की हैं और कानून को अनदेखा करते हुए ये निर्णय लिये हैं।

पश्चिम बंगाल के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने  बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, 24 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति कानून का अनादर करना है। राज्यपाल ने कहा कि ये नियुक्तियां विशेष आदेशों की अवहेलना है और कुलाधिपति की अनुमति के बगैर है, जिनमें कोलकाता, गौरबंगा, जादवपुर, अलीपुरदुआर और बर्दमान शामिल हैं। नियुक्तियों को गलत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही दोबारा नियुक्ति नहीं शुरू की गईं तो वह इसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। 

उल्लेखनीय है कि राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (Education Minister Bratya Basu) ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार बेहतर समन्वय के लिए सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से राज्यपाल को हटाकर मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने पर विचार कर रही है। बसु ने धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर काम में देरी करने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि राज्यपाल फाइलों को रोक कर रख लेते हैं, जिससे शिक्षा मंत्रालय के कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है। धनखड़  (Jagdeep Dhankhar) के 30 जुलाई 2019 को राज्यपाल बनने के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamata banerjee) के साथ कई मुद्दों पर तकरार जारी है। इसकी वजह से शिक्षा खासकर से उच्च शिक्षा से संबंधित कार्यों में देरी हुई है। राज्यपाल को दो विश्वविद्यालयों कोलकाता और जादवपुर विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में भी शामिल नहीं होने दिया गया, जहां उन्हें छात्रों और कर्मचारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा था।