बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।  सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं।  नए नियमों के तहत बिजली कनेक्शन जारी करने, बिजली बिलों के भुगतान की सुविधा और बिजली सप्लाई के लिए उपभोक्ताओं के ऊर्जा अधिकार तय किए हैं।  

दरअसल, केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि हर घर तक बिजली सेवा सुनिश्चित हो. इसी कड़ी में अब पावर सेक्टर में उपभोक्ताओं के लिए मानक तय किए गए हैं।  विद्युत मंत्रालय के ये नियम ग्राहकों के अधिकार से जुड़े हैं। 

सरकार के नए नियमों के मुताबिक बिजली सप्लाई के बारे में ग्राहकों के पास बिजली वितरण कंपनियों से न्यूनतम मानक सर्विस हासिल करने का अधिकार है।  नए नियम के बारे में जानकारी देते हुए बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि अब कोई भी ग्राहक बिजली बिना नहीं होगा।  सरकार का लक्ष्य हर घर तक बिजली पहुंचाने का है। 

अब बिजली वितरण कंपनियों को तय मानक के अनुसार सेवाएं देनी होंगी और अगर वे इसका पालन नहीं करती हैं, जुर्माना देना पड़ेगा।  नए नियमों के तहत हर वितरण इकाइयों का यह कर्तव्य है कि वे विद्युत कानून के प्रावधानों के अनुरूप बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करें। 

उपभोक्ताओं की समस्या को देखते हुए नए बिजली कनेक्शन को लेकर नियमों में बदलाव किए गए हैं. नए कनेक्शन के लिए मानक प्रक्रिया लागू की गई है।  नए बिजली कनेक्शन के लिए ग्राहक घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।  शहर से लेकर गांव तक बिजली के नए कनेक्शन को लेकर नए प्रावधान किए गए हैं। 

अब बिजली वितरण कंपनियों को महानगरों में नए बिजली कनेक्शन के अप्लाई के साथ 7 दिन के भीतर कनेक्शन देना होगा।  नगर पालिका में नए कनेक्शन या फिर उसमें सुधार के लिए 15 दिन का वक्त निर्धारित किया गया है।  जबकि ग्रामीण इलाकों में 30 दिन के भीतर नए कनेक्शन देने होंगे। 

नियमों के मुताबिक कोई भी नया बिजली कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा।  बिजली मीटर स्मार्ट या प्रीपेमेंट मीटर होगा।  हर जगह ग्राहकों के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन बिल भुगतान का विकल्प होगा।  इसके अलावा बिलों का पहले से भुगतान का भी प्रावधान किया गया है।  बिजली वितरण कंपनियां सभी ग्राहकों को 24 घंटे बिजली देंगी।  

वितरण कंपनियों को एक ऐसा ऑटोमैटिक सिस्टम विकसित करना होगा, जिससे बिजली गुल होने पर नजर रखी जा सके और उसे तुरंत बहाल किया जाए।  अगर निश्चित अवधि के बाद भी बिजली की आपूति नहीं हो पाती है तो इस स्थिति में बिजली कंपनी को ग्राहकों को हर्जाना देना होगा।  इसके अलावा लगातार बिजली कटौती पर भी कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।