अमेरिका अब यूरोप और अन्य देशों के साथ मिलकर चीन पर महा हथियार से हमला करने का प्लान बना रहा है। गौरतलब है कि चीन कोरोना वायरस को लेकर पहले से ही संदिग्ध अवस्था ​में है। हाल ही में कई ऐसे सबूत भी सामने आ चुके हैं जिससे पता चलता है कि चीन ने पूरी दुनिया में लोगों को मारने और दुनिया की बड़ी और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के खिलाफ बड़ी साजिश रची थी। अब धीरे धीरे दुनिया के कई देशों में चीन को जिम्मेदार ठहराने की मांग होने लगी है और यूरोपीयन देश और नॉर्थ अमेरिका के देशों में चीन के खिलाफ बड़े प्लान पर काम शुरू हो चुका है। चीनी अखबार साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा है कि चीन के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा देश प्लान तैयार कर रहे हैं जो चीन के लिए बड़ा झटका होगा।

चीन को जिम्मेदार ठहराने के लिए यूरोपीयन देशों और नॉर्थ अमेरिकन देशों के कई बड़े नेताओं ने चीन नें 2022 विंटर ओलंपिक का डिप्लोमेटिक बहिष्कार करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और जो रिपोर्ट आ रही है उसके मुताबिक यूरोप के करीब करीब सभी देश और नॉर्थ अमेरिका के सभी देश 2022 बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार कर सकते हैं और अगर ऐसा हो जाता है तो ये चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बहिष्कार के बाद चीन के खिलाफ सिर्फ डिप्लोमेटिक ही नहीं, कई दूसरे रास्ते भी खुलने शुरू हो जाएंगे। 2022 बीजिंग ओलंपिक का डिप्लोमेटिक बहिष्कार करने के लिए यूरोप और नॉर्थ अमेरिकन नेताओं में बातचीत जारी है। इसके मुताबिक चीन पर प्रेशर डालने के लिए चुने हुए नेता, अलग अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष ओलंपिक गेम्स का न्योता अस्वीकार कर सकते हैं। चीन की अखबार साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक अमेरिकी संसद के वायस चेयरमैन टॉम मलिनोवस्की ने कहा है कि 'अगर कोरोना वायरस को लेकर जापान ओलंपिक टालने की बात की जा सकती है तो तानाशाही चीन को लेकर भी एक्शन लिया जा सकता है।'

पिछले महीने कई मानवाधिकार संस्थाओं ने 2022 चीन विंटर ओलंपिक का बहिष्कार करने की मांग की थी। मानवाधिकार समूहों का कहना था कि चीन में बड़े पैमाने पर लोगों के अधिकारों का दमन किया जा रहा है। हांगकांग में सैकड़ों लोगों को जबरन जेल में रखा गया है वहीं, शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों को चीन ने यातना गृह में रखा हुआ है, ऐसे में अगर ओलंपिक गेम में दुनिया के अलग अलग देशों के नेता और राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करते हैं तो ये माना जाएगा कि चीन जो कर रहा है, वो सभी देशों को कबूल है। उइगर मुस्लिमों की संस्था, हांगकांग और तिब्बत के नेताओं ने सामूहिक तौर पर एक बयान जारी करते हुए कहा है कि 'चीन की कम्यूनिस्ट सरकार उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रही है, तिब्बत के लोगों के सारे अधिकारों को कुचल रही है'

चीन के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और अमेरिका में चीन के खिलाफ एक्शन लेने की मांग काफी तेजी से उठ रही है, जिससे जो बाइडेन प्रशासन पर काफी दबाव है। खासकर कोरोना वायरस को फैलाने में चीन को लेकर जो खुलासे हुए हैं। उइगर मुस्लिम, हांगकांग और तिब्बत के प्रतिनिधियों ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा है कि 'अमेरिकन संसद की प्रतिनिधि स्पीकर नैंसी पेलोसी ने भी चीन को लेकर डिप्लोमेटिक बहिष्कार की बात मान ली है'। आपको बता दें कि चीन में अगले साल सर्दियों के मौसम में ओलंपिक गेम्स का आयोजन होना है, जिसमें नॉर्थ अमेरिकन देश और यूरोपीयन देशों के बीच इस बात पर प्लानिंग बन रही है कि गेम्स में किसी भी देश का सरकारी अधिकारी और किसी भी देश के चुने हुए नेता या राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं होगें, ताकि चीन को एक मैसेज दिया जा सके।