केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) और वीर सावरकर (Veer Savarkar) को याद करते हुए कहा है कि वर्षों तक कई महान नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है। 

शाह ने शनिवार को यहां भाजपा कार्यकर्ताओं व प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वालों को इतिहास में जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस वर्ष हम आजादी का अमृत महोत्सव और नेताजी बोस की 125वीं जयंती मना रहे हैं। जब हम नेताजी के जीवन को देखते हैं तो हमें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वह जिस स्थान के हकदार थे, वह इतिहास में उन्हें नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, क्रांतिकारी वीर सावरकर  (Veer Savarkar) महान देशभक्त थे। मैं मानता हूं कि सावरकर जैसी देशभक्ति किसी अन्य नेता में नहीं थी। मुश्किल परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी राय नहीं बदली और सत्ता के दमन सामना करते हुए भी उसे खुले तौर पर पेश किया। उनका जैसा साहस था, वह बहुत कम लोगों में होता है। 

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने उन्हें ‘वीर’ की उपाधि नहीं दी, बल्कि करोड़ों लोगों ने उनकी वीरता और देशभक्ति को स्वीकार करने के लिए दी थी । देश के लोगों ने सावरकर (Veer Savarkar)  के नाम के आगे ‘वीर’ शब्द बड़े ही आदर और श्रद्धा से लगाया है, जिसे कोई मिटा नहीं सकता। उन्होंने कहा, आज कुछ लोग सावरकर को लेकर सवाल कर रहे है। दुख तब होता है जब जीवन में दो बार सजा पाने वाले व्यक्ति से उसकी देशभक्ति के लिए सवाल किया जा रहा हो। 

गृह मंत्री ने कहा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान है। मैं सभी युवाओं से एक बार अंडमान और निकोबार की यात्रा करने का आग्रह करता हूं। उल्लेखनीय है कि गृहमंत्री अपने तीन दिवसीय दौरे पर अंडमान और निकोबार में हैं। आज वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) द्वीप पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अंडमान-निकोबार के लिए कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ अंडमान-निकोबार के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डी. के. जोशी (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे।