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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को 'आरएसएस या नागपुर शिक्षा नीति' कहे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि, उन्होंने 'इतालवी शिक्षा नीति' के रूप में संदर्भित का विरोध किया है। NEP पर विपक्षी कांग्रेस के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोम्मई ने कहा, "आरएसएस, राष्ट्रीयता, राष्ट्र सभी समान हैं।
'RSS' का मतलब राष्ट्रवाद है। अगर यह RSS की शिक्षा नीति है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हमें अपने बच्चों को इसके लिए तैयार करने की जरूरत है।" एनईपी छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करता है।" बोम्मई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने शिक्षा में गुलामी की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि "हम मैकाले की शिक्षा नीति नहीं चाहते हैं, हम 'इतालवी शिक्षा नीति' भी नहीं चाहते हैं विपक्ष को एनईपी को 'आरएसएस शिक्षा नीति' के रूप में वर्णित करने दें। हम इससे सहमत हैं।"
जैसे ही विधानसभा का सत्र शुरू हुआ, कांग्रेस पार्टी के सदस्य सदन के वेल के पास जमा हो गए और मांग की कि उन्हें एनईपी और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने का मौका दिया जाए। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि "राज्य सरकार सभी राज्यों से पहले एनईपी लागू कर रही है। कॉलेज अक्टूबर से फिर से खुल रहे हैं। यह अगली पीढ़ी के भविष्य का सवाल है। हमें इस मुद्दे पर चर्चा करने की जरूरत है ।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस 'नागपुर शिक्षा नीति' पर चर्चा करना चाहती है, जिसके बाद सत्तारूढ़ भाजपा सदस्यों ने इस कदम का विरोध किया। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने बोम्मई का विरोध करते हुए पूछा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने देश पर शासन करते समय तथाकथित 'इतालवी शिक्षा नीति' का विरोध क्यों नहीं किया।
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